State News (राज्य कृषि समाचार)

बारिश में झमाझम बिके ट्रैक्टर

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(राजेश दुबे)

• जुलाई-अगस्त में ट्रैक्टर बिक्री में बूम
• म.प्र. में अगस्त में 7,500 ट्रैक्टर बिके
• बिक्री बढ़ी, सप्लाई घटी
• त्यौहारी सीजन में और बढ़ेगी मांग

भोपाल। एक तरफ जहां कोरोना की मार से आटो सेक्टर जूझ रहा है वहीं ट्रैक्टर उद्योग जुलाई-अगस्त में अनापेक्षित बिक्री से खुश हो रहा है। कोरोना संकट में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता, कृषि क्षेत्र में नगदी का प्रवाह, अच्छा मानसून, खरीफ में बेहतर उत्पादन की संभावना से ग्रामीण क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बना हुआ है, जिसके कारण जुलाई-अगस्त की वर्षाकालीन अवधि में ट्रैक्टर उद्योग की खबरों में वृद्धि दर्ज की गई है।

ट्रैक्टर उद्योग की खबरों एवं सूत्रों के अनुसार सामान्यत: देश में जून से अगस्त तक मानसूनी सीजन के कारण ट्रैक्टर बाजार में नकारात्मक माहौल देखा जाता है। लेकिन इस वर्ष जून से ही ट्रैक्टर बाजार में सकारात्मक लहर शुरू हो गई थी जो अगस्त में निरंतर मजबूत होती जा रही है। व्यापारिक सूत्र बताते हैं कि देश में जुलाई 2019 की तुलना में जुलाई 2020 में ट्रैक्टर बिक्री में लगभग 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जुलाई 2020 में लगभग 63,000 ट्रैक्टर बिके हैं जबकि जुलाई 2019 में लगभग 46,000 बिके थे।

इसी तरह अगस्त 2019 की तुलना में अगस्त 2020 में लगभग 75 प्रतिशत वृद्धि के साथ लगभग 65,000 ट्रैक्टरों की बिक्री हुई।

म. प्र. में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि

इस वर्ष अगस्त 2020 में ट्रैक्टर बिक्री का आंकड़ा लगभग 7,500 रहा। जबकि म.प्र. में अगस्त 2019 में लगभग 3,500 ट्रैक्टर बिके थे। इस तरह म.प्र. में ट्रैक्टर बिक्री में 100 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया है। ट्रैक्टर बाजार में इस वृद्धि पर आश्चर्य मिश्रित हर्ष व्याप्त है। आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए मांग में वृद्धि की आशा में बाजार से उत्साह की लहर है।

ट्रैक्टर निर्माता मांग की तुलना में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। बाजार में ऐसी धारणा है कि अप्रैल-मई में लगभग 2 माह रिटेल बिक्री लगभग नहीं के बराबर हुई थी जिसका असर अब दिखाई दे रहा है।

इसके अतिरिक्त किसानों का रुझान भी खेती में यंत्रीकरण की तरफ बढ़ा है। कई शहरी युवाओं ने भी लॉकडाउन के दौरान अपने गांव की ओर रुख किया और अपने पैतृक व्यवसाय खेती में हाथ बंटाया। उन्होंने अपने परिवार की परंपरागत सोच को बदलकर यंत्रीकरण की दिशा में पहल की है।

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