लंपी स्किन डिसीज़ से किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं
बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखते ही तत्काल निकटस्थ पशु चिकित्सक को सूचित करें
10 सितम्बर 2022, मंदसौर । लंपी स्किन डिसीज़ से किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं – उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग जिला मंदसौर द्वारा बताया गया कि लपी स्किन डिसीज पशुओं की एक विषाणुजनित बीमारी है जो कि मच्छर मक्खी एवं टिक्स ( घिचोड़ी / चीचडे) आदि के काटने से एक पशु से दूसरे पशु मे फैलती है। बीमारी में अधिकतर संकमित पशु 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाते है एवं मृत्युदर 15 प्रतिशत है। पशुपालक बीमारी के शुरूआती लक्षण जैसे कि हल्का बुखार एवं पुरे शरीर की चमड़ी में गठाने (2-3 से.मी. गोल उभरी हुई ) दिखाई देने पर तत्काल निकटस्थ पशु चिकित्सक को सुचित करे। शुरुआती लक्षण दिखने पर 3 से 4 दिन ईलाज करने पर पशु जल्दी ठीक हो जाता है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी / कर्मचारी लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर जागरूकता अभियान चला रहे है। किसान निम्न सुरक्षा एवं बचाव के उपाय अपनाए 1. संकमित पशु को स्वस्थ पशु से तत्काल अलग करे। 2. पशुशाला, घर आदि जगह पर साफ सफाई जीवाणु विषाणु नाशक रसायन जैसे फिनाईल, फोर्मेलिन एवं सोडियम हायपो क्लोराईड आदि से करे। 3. वर्तमान में पशु नही खरीदे, विशेषतौर पर राजस्थान एवं गुजरात के पशु। 4. पशुशाला के आसपास पानी जमा ना हो। 5. पशुपालको को शाम के समय पशु शेड में नीम के पत्तों से धुआ करना चाहिये जिससे मक्खी / मच्छर से पशुओ का बचाव हो। 6. पशुपालक अपने शरीर की साफ सफाई का भी ध्यान रखे। साथ ही बाहर से आने पर स्वयं को सेनेटाईज करने के पश्चात ही पशुशाला में प्रवेश करे। गौशाला वाले ये निम्न सुरक्षा एवं बचाव के उपाय अपनाए 1. गौशाला के शेड में नियमित साफ सफाई करवाई जाये एवं फिनाईल का स्प्रे किया जाये। 2. गौशाला में आने वाले नये पशुओं को 10 से 15 दिनों के लिये पृथक रखा जाये। 3. पशु की मृत्यु होने पर गहरा गढ्ढा खोदकर चुना एवं नमक डालकर शव निष्पादन करे। शव निष्पादन स्थल जल स्त्रोत एवं आबादी से दूर होना चाहिये
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