इंदौर जिले में फिर बढ़ा घोड़ारोज का आतंक
18 नवंबर 2024, इंदौर: इंदौर जिले में फिर बढ़ा घोड़ारोज का आतंक – मध्यप्रदेश में मालवा क्षेत्र के किसान घोड़ारोज ( रोजड़ा ) व जंगली सूअरों से बहुत परेशान हैं। किसानों का कहना है कि घोड़ारोज का बढ़ता प्रकोप उनकी फसलों के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो रहा है। रोजाना घोड़ारोज कई एकड़ फसल रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं ।संयुक्त किसान मोर्चा ने घोड़ारोज की समस्या से किसानों को मुक्ति दिलाने की मांग की है ।
सांवेर और देपालपुर तहसील के कई गांव प्रभावित – उल्लेखनीय है कि सांवेर तहसील के बालोदा टाकुन, धतुरिया ,गवला, बिसाखेडी, पाल काकरिया, अजनौद ,माता बरोडी, बसान्द्रा रंगरेज खतेडिया,रतन खेड़ी ,हरिया खेडी, बीबी खेडी आदि गांवों सहित देपालपुर तहसील के गांव बरोदा पंथ ,सगडुद, चांदेर, धानिया रेंगन वास, छोटी कलमेर, तलावली, पितावली अटाहेडा आदि गांवों सहित इन्दौर तहसील के गांव नेनौद ,रिजलाई ,जम्मूडी हप्सी , बड़ी कलमेर ,रोजडी बोरिया, बोरसी, हिंगोनिया में घोड़ा रोज़ और जंगली सूअर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं इससे किसान अधिक परेशान हैं। किसानों की खेत में लगी गेहूं , चने, आलू ,मटर लहसून ,प्याज ,सब्जी और अन्य फसल को घोड़ारोज बर्बाद कर रहे है। किसानों का कहना है कि घोड़ारोज ( रोजड़ा ) खाते कम हैं ,लेकिन इनके दौड़ने से फसल का नुकसान ज्यादा होता है। कई किसानों ने बाड़ लगाकर इन्हें रोकने की कोशिश भी की लेकिन नीलगाय 6 फीट तक फांद जाती है, इसीलिए उसका कोई फायदा नहीं हुआ है। घोड़ारोज कई बार खेत में काम करते समय किसानों पर भी हमला भी कर देते हैं । कई बार रोड़ पर निकलने वाले राहगीर भी इनका शिकार हो जाते हैं चलते वाहनों के सामने घोड़ारोज के झुंड आ जाने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद भी सरकार द्वारा इस समस्या के निदान के लिए अब तक कोई ठोस प्रबंधन नहीं किया गया है। किसानों ने घोडारोज को मारने की अनुमति देने अथवा इन्हें जंगल के अंदर रखने का कोई प्रबंध करने की मांग की है। इसे लेकर पीड़ित किसान अब बड़े आंदोलन की तैयारी में है।
घोड़ा रोज और जंगली सूअर के शिकार पर पाबंदी – संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि वर्ष 2000 में घोड़ा रोज और 2003 में जंगली सुअर के शिकार पर पाबंदी लगा दी गई थी। हालाँकि वन विभाग द्वारा घोड़ारोज और जंगली सूअर को मारने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है इसमें वन विभाग की ओर से नियमों का सरलीकरण करने के लिए कहा गया है, जिसके तहत किसानों को घोड़ारोज और जंगली सूअर मारने के लिए लाइसेंस दिया जा सकेगा । परन्तु सरकार की ओर से अब तक इसे लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई है।
किसानों को बंदूक के लाइसेंस दिए जाएं – संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी श्री रामस्वरूप मंत्री, श्री बबलू जाधव, श्री शैलेंद्र पटेल और श्री चंदन सिंह बड़वाया सहित अन्य किसानों ने मांग की है कि घोड़ा रोज़ (रोज़डा ) को समूल नष्ट करने के लिए सरकार त्वरित कार्रवाई करे ।घोड़ा रोज से जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई है ,उन्हें तत्काल नियम आरबीसी 6-4 के तहत मुआवजा दिया जाए। घोड़ा रोज़ को भगाने अपनी खेती बचाने के लिए किसानों को बंदूक के लाइसेंस दिए जाएं रोजडा के आतंक से खेती को बचाने के लिए वन विभाग को गश्त करने के सख्त निर्देश दिए जाएं अन्यथा संयुक्त किसान मोर्चा बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगा।
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