उत्तर प्रदेश में इस वर्ष रबी सत्र में 141 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य
24 अगस्त 2025, उज्जैन: उत्तर प्रदेश में इस वर्ष रबी सत्र में 141 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य – यूपी में इस वर्ष रबी सत्र के दौरान 141 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 2.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र गन्ने के साथ सहफसली खेती हेतु निर्धारित किया गया है. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने विशेष कदम उठाए हैं. इस सत्र में किसानों को 10 लाख क्विंटल गेहूं बीज अनुदान पर दिया जाएगा. वहीं गन्ना उत्पादक किसानों को शीतकालीन गन्ने के साथ सहफसली खेती के लिए 7080 क्विंटल राई और सरसों तथा 12500 क्विंटल मसूर के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा 6.50 लाख दलहनी और तिलहनी बीज मिनीकिट तथा भारत सरकार के सहयोग से 5.41 लाख दलहनी बीज मिनीकिट भी निःशुल्क वितरित किए जाएंगे.
ई-लॉटरी प्रणाली अपनाई जाएगी
कृषि मंत्री ने कहा कि लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली अपनाई जाएगी, जिससे वास्तविक किसानों को ही लाभ मिल सके. इसके लिए किसानों को पहले से पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा. तोरिया बीज मिनीकिट हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 तय की गई है. इसके बाद 1 सितंबर से अन्य फसलों के बीज मिनीकिट के लिए पंजीकरण शुरू होगा.
पीओएस मशीनों के माध्यम से बीज वितरण
पीओएस मशीनों के माध्यम से बीज वितरण की व्यवस्था से किसानों का विश्वास बढ़ा है और बीज की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. प्रदेश सरकार का संकल्प है कि अन्नदाता किसानों को समय पर पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराया जाए, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो और प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनोमी’ के लक्ष्य की प्राप्ति में सहायता मिले.
एक बोरी यूरिया मात्र 266 रुपये में उपलब्ध
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि विश्व बाजार में उर्वरकों के दामों में भारी वृद्धि के बावजूद किसानों पर बोझ न पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार ने सब्सिडी की राशि में लगातार बढ़ोतरी की है और विक्रय मूल्य को स्थिर रखा है. उदाहरण स्वरूप यूरिया का वास्तविक बाजार मूल्य 2174 रुपये प्रति बोरी है, लेकिन अनुदान के बाद यह किसानों को मात्र 266 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी प्रकार डीएपी, एनपीके, एमओपी और एसएसपी पर भी सरकार द्वारा भारी अनुदान दिया जा रहा है
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