छत्तीसगढ़ में बदली खेती की तस्वीर: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से किसानों को नई दिशा
13 दिसंबर 2025, रायपुर: छत्तीसगढ़ में बदली खेती की तस्वीर: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से किसानों को नई दिशा – 2025-26 से शुरू हुई यह योजना देश के 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में 1.7 करोड़ किसानों की आय बढ़ाने और उनकी उत्पादकता को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू की गई। 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़कर तैयार किए गए इस मॉडल में सिंचाई, भंडारण, आसान ऋण, आधुनिक तकनीक और फसल विविधीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि किसानों को लगातार मिलने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान मिल सके।
जशपुर के किसानों के लिए बड़ा सहारा बनी योजना
जशपुर जैसे खेती-केंद्रित जिले में यह योजना किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। इसी बदलाव की एक स्पष्ट मिसाल जिले के बगीचा विकासखंड के किसान सुधीर लकड़ा (उरांव) हैं, जो इस योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी बनकर सामने आए हैं।
सुधीर लकड़ा के पास कुल 3.400 हेक्टेयर कृषि भूमि है। वर्षों से उन्हें आत्मा योजना के तहत ग्रीष्मकालीन मक्का कार्यक्रम, डीएमएफ मद से ट्रैक्टर और कृषि यंत्र, तथा सौर सुजला योजना के अंतर्गत सोलर सिंचाई जैसी सुविधाएँ मिलती रहीं। इन व्यवस्थाओं ने उनकी खेती की लागत कम की और काम को काफी आसान बनाया।
मक्के की खेती से आय में बढ़ोतरी
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी ने उन्हें धान की जगह प्री-बीज ग्रेड मक्का की खेती का सुझाव दिया। विभाग ने 8 किलोग्राम मक्का बीज निःशुल्क उपलब्ध कराए, जिनसे उन्होंने 0.400 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल लगाई। उचित देखभाल, खाद-दवाइयों के सही उपयोग और तकनीकी मार्गदर्शन की बदौलत करीब 10 क्विंटल उत्पादन मिला। इससे उनकी कुल आय लगभग 15,000 रुपये तक पहुँची, जो पहले की तुलना में अधिक स्थिर और बेहतर रही।
पीएमडीडीकेवाई के जरिए जिले में सिंचाई ढांचे का विस्तार, भंडारण क्षमता बढ़ाने और खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में तेज काम हो रहा है।
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