कर्नाटक सरकार ने बढ़ाई मक्का खरीद सीमा, अब 50 क्विंटल तक खरीदी जाएगी, ₹2400/क्विंटल मिलेगा सपोर्ट प्राइस
09 दिसंबर 2025, भोपाल: कर्नाटक सरकार ने बढ़ाई मक्का खरीद सीमा, अब 50 क्विंटल तक खरीदी जाएगी, ₹2400/क्विंटल मिलेगा सपोर्ट प्राइस – कर्नाटक सरकार ने राज्य के मक्का किसानों के लिए खुशखबरी दी है। किसानों के गुस्से और गिरते बाजार दामों को देखते हुए, राज्य सरकार ने मक्का खरीद की सीमा को बढ़ाकर 50 क्विंटल कर दिया है। पहले यह सीमा 20 क्विंटल थी। इसके साथ ही किसानों को 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य (MSP) पर मक्का बेचने का अवसर मिलेगा, जो केंद्र सरकार के MSP के बराबर है। यह फैसला मक्का की बंपर फसल के बावजूद गिरते बाजार मूल्य और बिचौलियों द्वारा की जा रही कम कीमतों के विरोध में लिया गया है।
नए आदेश के तहत, मक्का खरीद की सीमा हर किसान के रजिस्टर जमीन के हिसाब से तय की जाएगी। कर्नाटक सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, किसान से 50 क्विंटल तक मक्का खरीदी जाएगी, और यह खरीद जमीन के आकार और उत्पादन क्षमता के आधार पर की जाएगी। सपोर्ट प्राइस के 2,400 रुपये प्रति क्विंटल पर मक्का खरीदी जाएगी, जिसकी कैलकुलेशन 12 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होगी।
कृषि विभाग की प्रमुख घोषणाएं
कर्नाटक सरकार के कृषि विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मक्का की खरीद प्राथमिकता के साथ डिस्टिलरी के पास मौजूद PACS (Primary Agricultural Credit Societies) के जरिए की जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसानों के रजिस्ट्रेशन और यूनिफाइड बेनिफिशियरी इंफॉर्मेशन सिस्टम (फ्रूट्स) डेटाबेस के जरिए ही यह प्रक्रिया संचालित की जाएगी, जिससे किसी भी किसान को फायदा मिल सके।
किसानों का विरोध और सरकारी प्रतिक्रिया
किसानों ने पहले सरकार से शिकायत की थी कि बाजार में मक्का की कीमतें घटकर 1,800-1,900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थीं, जो केंद्र सरकार द्वारा तय 2,400 रुपये के MSP से काफी कम थी। इस विरोध को देखते हुए, सरकार ने इस नए कदम को उठाया है, ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके और उनका गुस्सा शांत हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि मक्का की कीमतों में गिरावट के कारण एक मजबूत और प्रभावी खरीद नेटवर्क की आवश्यकता थी, जो राज्य सरकार ने अब उपलब्ध कराया है।
नए कदम से किसानों को उम्मीद
कर्नाटक में मक्का की फसल पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है, और सरकार का यह फैसला किसानों के लिए राहत लेकर आया है। कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ मानते हैं कि राज्य सरकार के इस कदम से किसानों को अपनी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा, और राज्य में कृषि की स्थिति भी बेहतर होगी।
कर्नाटक ने 2024-25 में 66 लाख टन मक्का की फसल काटी है, जो पिछले साल की 56 लाख टन से कहीं अधिक है। पिछले पांच सालों में रकबा लगातार बढ़ा है, जबकि खराब मौसम के कारण पैदावार में उतार-चढ़ाव आया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा, और किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा।
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