राज्य कृषि समाचार (State News)

 मुरैना में कृषि आदान लाइसेंस निलंबित करने का मुद्दा गरमाया

24 अगस्त 2025, इंदौर: मुरैना में कृषि आदान लाइसेंस निलंबित करने का मुद्दा गरमाया –  इन दिनों मुरैना जिले में 10 कृषि आदान विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित करने का मुद्दा गरमाया हुआ है। इन 10  कृषि आदान विक्रेताओं के यहां से लिए गए बीजों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे,जहां वे अमानक पाए जाने पर इनके लाइसेंस निलंबित कर दिए। मप्र कृषि आदान विक्रेता संघ ने इस कार्रवाई को एक तरफा बताते हुए उत्पादक या जहां से इन आदान विक्रेताओं को उक्त बीज प्रदान किया गया, उन संस्थाओं पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी ओर उप संचालक कृषि ,मुरैना ने संबंधित बीज किस्म /कंपनियों के नाम बताने को टाल दिया।

उल्लेखनीय है कि  मुरैना कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना के निर्देश पर गत दिनों उप संचालक कृषि के नेतृत्व में जिले की खाद, बीज दुकानों पर छापामार कार्यवाही कर नमूने लेने के निर्देश  दिए गए थे। निर्देशों के तहत अलग-अलग विकास खण्डों में खण्ड स्तर के अधिकारियों ने सैंपलिंग की कार्यवाही की। उन्हें लैब भेजा गया, जिनमें से 10 फर्म के बीज अमानक पाए गए । उप संचालक कृषि ने 10 फर्मो के लाइसेंस को  तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जिन कृषि आदान विक्रेताओं के लाइसेंस  निलंबित  किए गए उनमें कैलारस के मैसर्स कैला मां खाद बीज भंडार, श्री बालाजी बीज भंडार, पहाडगढ़ विकासखण्ड के मैसर्स श्रीराम खाद बीज भंडार, जौरा विकासखण्ड के मैसर्स आसी बीज भंडार, अम्बाह विकासखण्ड के न्यू मुस्कान बीज भंडार, मैसर्स राधिका बीज भंडार, मैसर्स श्री महाकाल कृषि सेवा केन्द्र, मैसर्स पचौरी बीज भंडार, मैसर्स रोहित खाद बीज भंडार और मैसर्स सौरभ खाद बीज भंडार शामिल हैं ।

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दूसरी ओर मप्र कृषि आदान विक्रेता संघ के पदाधिकारियों  प्रदेश अध्यक्ष  श्री मानसिंह राजपूत, राष्ट्रीय प्रवक्ता व सचिव श्री संजय रघुवंशी, प्रदेश के संगठन मंत्री श्री विनोद जैन,  मध्य प्रदेश कृषि आदान विक्रेता संघ भोपाल के उपाध्यक्ष  श्री कृष्णा दुबे आदि ने  इसका  विरोध करते  हुए कृषि विभाग द्वारा की गई कार्रवाई को एक तरफा बताते हुए सवाल किया कि कृषि आदान  व्यापारियों ने जिन कंपनियों से  बीज लिया था क्या उन पर भी कार्रवाई होगी ? क्योंकि मूलतः तो बीज उत्पादक कंपनियां  ही दोषी हैं। मुरैना कलेक्टर और उप संचालक कृषि को चाहिए कि उत्पादक या जहां से आदान विक्रेताओं  को बीज प्रदान किया गया है, उन पर भी उचित कार्रवाई करें । सिर्फ विक्रेता को ही दोषी मानकर कार्रवाई करना अनुचित है। पदाधिकारियों ने कहा कि हम शासन के विभाग के कामों में बाधा डालना नहीं चाहते, लेकिन एकतरफा कार्रवाई करके कृषि आदान  व्यापारियों को परेशान न किया जाए।

  गौरतलब  है कि कृषि विभाग  मुरैना द्वारा जिन दस  कृषि आदान विक्रेताओं के यहां से लिए गए बीजों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे थे , उनके अमानक पाए जाने के आधार पर लाइसेंस तो निलंबित कर दिए ,लेकिन इन बीजों की किस्म , कम्पनी /संस्था के बारे में कोई  जानकारी नहीं दी गई। इस संबंध में जब कृषक जगत ने श्री ए बी सरैया , उप संचालक, कृषि मुरैना से मोबाइल पर दो बार सम्पर्क कर संबंधित बीजों से  जुड़ी जानकारी चाही तो उन्होंने देखकर बताऊंगा ऐसा कहकर बात को टाल दिया।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  संबंधित जिन 10  कृषि आदान विक्रेताओं के यहां से सरसों और गेहूं के बीज के नमूने लिए गए थे। उनमें सरसों बीज किस्म SKM -666 , TEJA  GOLD , CARALTNA  PLUS ( NUTRANTA ), AJIT – 201 , TMND -2904 और 45S47  के अलावा गेहूं बीज किस्म  MAHARANA , KANAK  SONA ,TMW -3838  तथा NW -1000  शामिल हैं।  इन सभी नमूनों को जाँच के लिए बीज परीक्षण प्रयोगशाला , मुरैना  भेजा गया था। उल्लेखनीय है कि इन दुकानों से अक्टूबर -नवंबर 2024 में नमूने लिए गए थे , जिनकी जाँच रिपोर्ट कृषि विभाग को नवंबर 24 से जनवरी 25  के बीच प्राप्त ही हो गई थी। फिर भी 7 माह बाद कार्रवाई करते हुए संबंधितों द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब न देने ,अमानक बीज वितरण का दोषी पाए जाने के कारण बीज अधिनियम 1966  की धारा 7 अ एवं 7 ब के उल्लंघन का दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं । सवाल यह है कि जब सात माह पूर्व बीज परीक्षण प्रतिवेदन मिल गया था तो  इस लेटलतीफी का क्या कारण है ? एक ओर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह  चौहान किसानों को त्वरित सुविधा और समाधान के लिए सदैव चिंतित रहते हैं , वहीं कृषि विभाग का यह विलम्ब कई संदेहों को जन्म दे रहा है।  

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