कृषि को उद्योग से जोड़ने की पहल, बड़ी सोच का परिणाम: श्री धनखड़
नरसिंहपुर के उन्नत किसान की अलग पहचान: डॉ. मोहन यादव
26 मई 2025, नरसिंहपुर: कृषि को उद्योग से जोड़ने की पहल, बड़ी सोच का परिणाम: श्री धनखड़ – नरसिंहपुर जिले में कृषि समागम मेले का उद्घाटन देश के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने किया. उन्होंने इस दौरान कहा आज का कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है, मैं अभिभूत हूं कि मेरे सामने बैठे युवा, नारी शक्ति और सभी लोग अन्नदाता हैं देश के भाग्यविधाता हैं किसान की जितनी पूजा की जाए, उतनी कम है किसान भारत की रीढ़ की हड्डी है किसान समरसता का प्रतीक है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मनमोहक हैं कार्यशील हैं वे हर पल गांव और किसान की चिंता करते हैं. इनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश सबसे बड़ी छलांग लगाएगा, ये मैं अपने सामने देख रहा हूं क्योंकि आज की कृषि को उद्योग से जोड़ने की जो पहल है वो बहुत बड़ी सोच का परिणाम है. इस दौरान नरसिंहपुर जिले को करोड़ों रुपए के विकासकार्यों की सौगात भी मिली.

उपराष्ट्रपति ने कहा ‘मुझे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की वजह से कृषि उद्योग समागम जैसा कार्यक्रम देखने को मिला. देश का हर राज्य इसका अनुकरण करेगा. किसानों से कृषि का बहुत लगाव होना चाहिए. इस पहल की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. आज पूरा देश राष्ट्र भावना से ओतप्रोत है पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है ऑपरेशन सिंदूर का लोहा दुनिया ने माना है. विकसित भारत का रास्ता किसान के खेत से जाता है विकसित भारत का रास्ता गांव से निकलता है विकसित भारत की कुंजी किसान के पास है. इससे अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा उछाल आएगा. पूरे देश में विकसित भारत के लिए महायज्ञ चल रहा है यह महायज्ञ हर किसी की आहुती मांगता है. सबसे निर्णायक आहुती किसान की है. मेरे किसान भाई पूरी तरह सजग हैं. यह लक्ष्य हम हासिल करके रहेंगे.
अलग पहचान: डॉ. मोहन यादव
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मां नर्मदा के आशीर्वाद से आज भगवान नरसिंह के नाम की इस नगरी की अलग ही छटा दिखाई दे रही है सच्चे अर्थों में ये हमारा पूरा प्रदेश सश्य-श्यामला है. कृषि के अलग-अलग सेक्टर में पूरे प्रदेश की अलग पहचान है. उसमें भी पूरा प्रदेश एक तरफ और नरसिंहपुर एक तरफ, यहां की तूअर दाल, यहां की प्राकृतिक खेती, यहां के उन्नत किसान मध्यप्रदेश ही नहीं, पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखते हैं. इस स्थान पर मां नर्मदा की विशेष कृपा है. यहां उच्च गुणवत्ता की सभी प्रकार की फसलों के लिए विशेष व्यवस्था है. हमने सरकार बनने के बाद कई सेक्टरों में काम किया है. मध्य प्रदेश वो धरती है. जो नदियों का मायका है. जितनी नदियां मध्यप्रदेश में हैं. वो शायद ही कहीं और हों. प्रदेश की विशेषता नहीं है कि ग्लेशियर न होने के बाद भी नदियां हैं. यहां के जंगल, यहां की चट्टाने, यहां का सौंदर्य अलग ही हैं/ यहां की नदियां न केवल मध्यप्रदेश बल्कि अन्य राज्यों को भी लाभ पहुंचाती हैं. मध्यप्रदेश के विकास में सबसे बड़ा आशीर्वाद मां नर्मदा का है.
केन-बेतवा से बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा नदी परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का माहौल बदलने वाला है. इसी तरह पार्वती-काली सिंध-चंबल नदियों के जुड़ने से प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान को भी लाभ होगा. इन दो के अलावा तीसरा नदी जोड़ो अभियान भी है. गेंहूं उपार्जन के मामले में प्रदेश दूसरे नंबर पर है. प्रदेश को 30 लाख करोड़ का निवेश मिला है, इससे करीब 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि साल 2002-03 तक प्रति व्यक्ति आए केवल 11 हजार रुपये थी, जबकि 2025 में प्रति व्यक्ति आए 1 लाख 52 हजार हुई है. हम किसानों के जीवन की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं. किसान जो यंत्र खरीदना चाहें, सरकार उसमें मदद करेगी. हमारी सरकार नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर रही है.
कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत भी उपस्थित थे।
समागम में हितग्राहियों को कार्यक्रम में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का हित लाभ वितरित किया गया, साथ ही कई खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के साथ मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एमओयू भी हुआ। इस मौके पर कृषि आदान एवं कृषि यंत्रों की विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका उपराष्ट्रपति ने अवलोकन भी किया।
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