मक्का फसल में चूहों से होने वाले नुकसान से बचने के उपाए बताए
08 जुलाई 2025, विदिशा: मक्का फसल में चूहों से होने वाले नुकसान से बचने के उपाए बताए – लटेरी विकासखण्ड के ग्राम ओखलीखेडा, बंदीपुर, सिराजनगर, खेरखेडी आदि क्षेत्रों में किसानों द्वारा लगाई गई मक्का में चूहों के द्वारा अत्यधिक नुकसान हो रहा है। कृषकों ने बताया कि इनकी संख्या बारिश के साथ तेजी से बढ़ रही है, जिससे मक्का की बीज एवं जड़ों को नुकसान हो रहा है। ऐसी सूचना दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से कृषि अधिकारियों को प्राप्त हुई जिसे संज्ञान लेते हुए गत दिनों उप संचालक कृषि श्री केएस खपेडिया, सहायक संचालक कृषि श्री महेन्द्र कुमार ठाकुर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री रितेश परमार ने क्षेत्र का भ्रमण कर फसलों का निरीक्षण किया।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चूहे न केवल पैदावार घटा रहे हैं, बल्कि भंडारण में भी अनाज को खराब कर रहे हैं। इस संकट से निपटने के लिए कृषकों को अपने खेतों का नियमित निरीक्षण कर चूहों के बिलों और नुकसान के संकेतों की जांच करनी चाहिए एवं नुकसान से बचने के लिए निम्न उपाय किसानों को सुझाए गए हैं।
जैविक नियंत्रण – खेतों में उल्लुओं के बैठने के लिए टी-पोल लगाना, जो प्राकृतिक शिकारी होते हैं।
रासायनिक नियंत्रण – एक किलोग्राम अनाज में 250 ग्राम जिंक फॉस्फाइड दवा मिलाकर चूहों को मारने के लिये खेत में जगह-जगह पर या चूहों के बिलों के आसपास रख देना चाहिए या ब्रोमेडियालोन नामक दवा 15 ग्राम लेकर चूहों के बिलो में डाला जा सकता है। खेत में चूहों को आकर्षित करने वाले कारक, चूहों को छिपने और भोजन के स्रोत को कम करना चाहिए इसके लिए पिछली फसल के अवशेष और खरपतवारों को खेत से नष्ट करना चाहिए।
कृषकों द्वारा चूहा नियंत्रण का सामूहिक प्रयास रहता है अधिक फायदेमंद – चूहों को नियंत्रित करने के लिये एक बडे क्षेत्र में सम्मिलित रूप से सामूहिक प्रयास करना अधिक प्रभावी होता है क्योंकि इससे चूहों की वापसी की गति कम हो जाती है। कृषि अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि चूहे मारने के लिए घर में रखे गए खाद्यान्न या बच्चों की पहुँच से दूर चूहामार दवा का प्रयोग करें और प्रयोग के बाद मरे हुए चूहों को जमीन में गाड़ दें ताकि अन्य जानवर या पक्षी प्रभावित न हों। श्री केएस खपेडिया उप संचालक कृषि द्वारा बताया गया है कि मक्का की फसल देश की खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि समय रहते चूहों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसानों से अपील की गई है कि वे चूहे नियंत्रण के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें।
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