जैविक कृषि से कौशल विकास पर संगोष्ठी का सफल आयोजन
जैविक खेती किसानों के कौशल और आय वृद्धि का सशक्त माध्यम — विशेषज्ञों ने बताए व्यवहारिक उपाय
भवदीय- डॉ. जी. एल. मीना, मीडिया प्रकोष्ठ एवं जनसंपर्क अधिकारी, म.प्र.कृ. प्रो.वि., उदयपुर
07 नवंबर 2025, उदयपुर: जैविक कृषि से कौशल विकास पर संगोष्ठी का सफल आयोजन – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के राजस्थान कृषि महाविद्यालय में “जैविक कृषि द्वारा कौशल विकास” विषय पर संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु डॉ. प्रताप सिंह ने की। उन्होंने कहा कि जैविक खेती न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाती है, बल्कि समाज के स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों की रक्षा करती है।
मुख्य वक्ता श्री परमानंद जी, चित्तौड़ प्रांत संगठन मंत्री (भारतीय किसान संघ) ने गौ-आधारित कृषि को भारत की आत्मनिर्भर कृषि की रीढ़ बताते हुए किसानों से जैविक विधियों को अपनाने का आह्वान किया।
डॉ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक अटारी ने बताया कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जैविक कृषि को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
डॉ. मनोज कुमार महला और डॉ. लोकेश गुप्ता ने क्रमशः कीट नियंत्रण और पशुधन प्रबंधन में जैविक उपायों की जानकारी दी।
संगोष्ठी में 160 से अधिक किसान, विद्यार्थी और प्राध्यापक उपस्थित रहे। अंत में डॉ. जगदीश चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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