राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रदेश का गेहूँ निर्यात अधिकाधिक देशों तक हो

मुख्यमंत्री ने की गेहूँ निर्यात तथा रबी उपार्जन की समीक्षा

27 अप्रैल 2022, भोपाल ।  प्रदेश का गेहूँ निर्यात अधिकाधिक देशों तक हो – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में हो रहे कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाए और उसका प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें। गेहूँ, धान, कपास, सोयबीन डी.ओ.सी सहित फल- सब्जी आदि के निर्यात की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाए। किसानों को उनकी उपज का अधिक से अधिक मूल्य मिले, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है।वर्तमान वैश्विक परिदृश्य ने प्रदेश के गेहूँ के निर्यात की संभावनाओं को विश्व के विभिन्न देशों तक विस्तार करने का अवसर प्रदान किया है। इस दिशा में सक्रियता से कार्य करना होगा। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के बाहर के निर्यातकों को पंजीकृत करने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल में दल भेजे गए हैं। इजिप्ट को गेहूँ निर्यात करने गतिविधियाँ भी जारी हैं। मार्च माह से अब तक निर्यात के लिए 123 रेलवे रैक रवाना किए गए हैं।

 मुख्यमंत्री मंत्रालय में गेहूँ निर्यात तथा रबी उपार्जन की समीक्षा कर रहे थे। कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री के.सी. गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

श्री चौहान ने रबी उपार्जन की समीक्षा में निर्देश दिए कि गेहूँ उपार्जन और भुगतान की प्रतिदिन की स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय को अनिवार्य रूप से अवगत कराया जाए। भुगतान में किसी भी प्रकार का विलम्ब न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपार्जन के लिए गेहूँ लाने वाले किसानों की सुविधा और हितों का पूरा ध्यान रखा जाए। उपार्जन के लिए आए गेहूँ को रखने के लिए गोदाम उपलब्ध कराने, गेहूँ का मूल्यांकन कर तत्काल 75 प्रतिशत भुगतान कर शेष पूर्ण भुगतान ई-ऑकशन उपरान्त करने की व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 4 हजार 221 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं। मंडियों में 22 लाख 81 हजार 542 मीट्रिक टन गेहूँ की अब तक आवक हुई है। कुल 19 लाख 81 हजार 506 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है और 9 लाख 3 हजार 142 स्लाट बुक किए गए हैं।

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