State News (राज्य कृषि समाचार)

गेहूं फसल के अवशेषों पर वेस्ट डी कंपोजर के घोल का छिड़काव करें

Share

03 मई 2023, मंदसौर: गेहूं फसल के अवशेषों पर वेस्ट डी कंपोजर के घोल का छिड़काव करें – कृषि विज्ञान केंद्र मंदसौर के प्रमुख वैज्ञानिक ने किसानों से समय हो रही बारिश का लाभ लेने के लिए खेतों में गेहूं फसल के अवशेषों पर वेस्ट डी कंपोजर का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं। जिससे फसल अवशेष जल्दी से खाद के रूप में परिवर्तित होकर मृदा को उपजाऊ बनाएंगे साथ ही खेतों में आग लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

वेस्ट डी कंपोजर के घोल को तैयार करने के लिए 200 लीटर पानी में 2 किलो गुड़ का घोल बनाकर के अच्छी तरह से मिला देवें , उसके बाद में वेस्ट डी कंपोजर की 20 ग्राम की सीसी का संपूर्ण पदार्थ प्लास्टिक के ड्रम में डालकर अच्छी तरह ये मिक्‍य करें और घोल को तीन-चार दिन पश्चात प्रति एकड़ गेहूं की फसल अवशेष पर पंप की सहायता से छिड़काव कर मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करें, ताकि फसल अवशेष (नरवाई) मिट्टी में अच्छी तरह दब जावें एवं खाद में जल्दी परिवर्तित हो सके।

इन दिनों बैंगन एवं मिर्ची पर लाल मकड़ी नामक कीट का प्रकोप हो रहा है इसके नियंत्रण के लिए फैनाक्वीन 10 प्रतिशत इसी की 1 मिलीलीटर मात्रा या एजाडिरेक्टीन 1500 पीपीएम की 3 मिलीलीटर मात्रा या मेटारहिजियम एनीसोप्लिए की 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर के छिड़काव किया जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर 10 से 12 दिनों के अंतराल पर मकडीनाशक बदलकर छिड़काव किया जा सकता है। साथ ही भिंडी में फल एवं कोपलों में छेद करने वाले कीट भी देखने में आ रहा है अतः किसान भाइयों इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते है। सभी ग्रसित फल एवं कोपलों को एकत्रित करके नष्ट कर देवें भिंडी में इरविटल्यूर नामक फेरोमोन के 12 ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से लगावें । बीटी की 1 ग्राम मात्रा या वेवेरिया बेसियाना की 5 से 10 ग्राम मात्रा या क्लोरऐन्ट्रनिलीपरोल 18.5 प्रतिशत एससी की 0.25 मिली लीटर मात्रा या साइपरमैथरीन की 10 प्रतिशत इ.सी. की 1 मिलीलीटर मात्रा या इमामेक्टिन बेंजोएट की 5 प्रतिशत डब्ल्यू जी की 0.3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में गोल बनाकर के छिड़काव करें।अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements