आर्मीवर्म नियंत्रण के लिए बीटी का छिड़काव करें
14 सितम्बर 2021, खरगोन । आर्मीवर्म नियंत्रण के लिए बीटी का छिड़काव करें – जिले में कृषि एवं राजस्व विभाग के संयुक्त दलों द्वारा लगातार किसानों के खेतों का निरीक्षण एवं भ्रमण किया जा रहा है। उपसंचालक कृषि श्री एमएल चौहान ने बताया कि वर्तमान में सामान्यत: फसलों की स्थिति अच्छी है। वहीं कहीं-कहीं पर मक्का की फसलों पर फॉल आर्मीवर्म कीट का प्रकोप देखा गया। श्री चौहान ने बताया कि मक्का की फसलों को फॉल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप से बचाने के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि जैविक कीटनाशक के रूप में बीटी 1 किग्रा प्रति हेक्टर अथवा बिबेरिया बेसियाना 1.5 लीटर की मात्रा 200-250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर छिडक़ाव सुबह अथवा शाम के समय में करें। लगभग 5 प्रतिशत प्रकोप होने पर रसायनिक कीटनाशक के रूप में फ्लूबेन्डामाइट 20 डब्ल्यूडीजी 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर या स्पाईनोसेड 15 ईसी. 200-250 ग्राम प्रति हेक्टेयर या इथोफेनप्रॉक्स 10 ईसी 1 लीटर की मात्रा 200-250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर या इमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी का 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15-20 दिन के अन्तराल पर 2 से 3 छिडक़ाव करें अथवा कार्बोफ्यूरॉन 3 जी 2-3 किग्रा प्रति हेक्टेयर का उपयोग करें तथा दानेदार कीटनाशकों का उपयोग पौधे की पोंगली में 5 से 10 दाने प्रति पोंगली उपयोग करें।
कपास की फसलों में रसचूसक कीट जैसे थ्रिप्स, हरा मच्छर आदि का प्रकोप होने पर इनके नियंत्रण के लिए फ्लोनिकोमाइड 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 6 ग्राम प्रति पम्प छिडक़ाव करने की सलाह दी गई। अधिक प्रकोप होने पर फिप्रोनल प्लस इमिडाक्लोप्रिड के मिश्रण का भी छिडक़ाव करने की सलाह दी गई। साथ ही कपास में गुलाबी इल्ली के प्रबंधन के लिए प्रारंभ में प्रोफेनोफास या थायडीओकार्ब जैसे कम विषैले कीटनाशकों में से किसी एक का चयन कर उपयोग करें। फसल में कीट का अधिक प्रकोप होने की स्थिति में लेम्डासायहेलोथ्रिन या इमामेक्टिन बेंजोएट या इन्डोक्साकार्ब जैसे अधिक विषैले कीटनाशकों का उपयोग कर सकते हैं।