इस खरपतवार नाशक के प्रयोग से सोयाबीन फसलें खराब, तीन जिलों में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई
24 अगस्त 2025, भोपाल: इस खरपतवार नाशक के प्रयोग से सोयाबीन फसलें खराब, तीन जिलों में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई – मध्य प्रदेश के किसानों की शिकायत को केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया है। दरअसल किसानों ने शिकायत की थी कि क्लोरीम्यूरॉन एथिल 25% WP नामक खरपतवार नाशक के प्रयोग से किसानों की सोयाबीन फसलें खराब हो रही हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तुरंत कंपनी एवं डीलर्स पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
जिसके बाद सैंपल जब्त कर जांच की गई और नमूने घटिया पाए जाने पर मध्य प्रदेश के 3 जिलों विदिशा, देवास व धार में डिफॉल्टर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही बचे हुए स्टॉक की बिक्री पर रोक लगाई गई है और डीलरों के लाइसेंस भी निलंबित कर दिए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री ने नकली खाद, बीज और कीटनाशक की बिक्री रोकने के लिए देशभर में व्यापक आकस्मिक छापामारी का अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद कृषि विभाग ने बाजार से उक्त खरपतवारनाशी (हर्बिसाइड) के सैंपल जब्त कर जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि संबंधित हर्बिसाइड घटिया गुणवत्ता का है और यही फसल के नुकसान का कारण बना है। इस संबंध में डिफॉल्टर कंपनी के खिलाफ विदिशा (ग्रामीण), देवास (कन्नौद), धार (बदनावर) जिले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। प्रभावित इलाकों में जिन डीलरों ने यह खराब गुणवत्ता वाला हर्बिसाइड बेचा था, उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। कृषि मंत्री ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि जब तक सभी जांच परिणाम नहीं आ जाते, डिफॉल्टर कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस तत्काल निलंबित किया जाए। इसके अलावा, कंपनी के पास उपलब्ध शेष स्टॉक की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।किसानों के हितों को सर्वोच्च बताते हुए शिवराज सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे फिलहाल क्लोरीम्यूरॉन एथिल 25% WP (बैच संख्या KE-04) का प्रयोग न करें, ताकि फसलों को आगे नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और किसानों को न्याय दिलाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी।
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