राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में बाजरे की बुवाई शुरू: वैज्ञानिकों ने दी बंपर पैदावार के लिए बीजोपचार और रोग नियंत्रण की जरूरी टिप्स

28 जून 2025, जयपुर: राजस्थान में बाजरे की बुवाई शुरू: वैज्ञानिकों ने दी बंपर पैदावार के लिए बीजोपचार और रोग नियंत्रण की जरूरी टिप्स – राजस्थान में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही बाजरे की बुवाई शुरू हो गई है। इसी के मद्देनज़र तबीजी स्थित कृषि परीक्षण केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को अधिक उत्पादन के लिए बीजोपचार, मृदा उपचार, उर्वरक प्रबंधन और रोग नियंत्रण संबंधी उपयोगी सलाह दी है। यह सुझाव फसल की बुवाई का उपयुक्त समय शुरू होने के चलते किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से दिए गए हैं।

फसलों में बीजोपचार और खरपतवार नियंत्रण जरूरी- शंकर गुप्ता

ग्राहृय परीक्षण केन्द्र तबीजी फार्म के कृषि अनुसंधान अधिकारी (उद्यान) उपवन शंकर गुप्ता ने बताया कि खरीफ में बाजरा, ज्वार, मूंगफली, तिल, ग्वार, मूंग और उड़द जैसी फसलें प्रमुख होती हैं। इनमें अधिक उत्पादन के लिए उर्वरक प्रबंधन, बीजोपचार और खरपतवार नियंत्रण जरूरी है।

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उन्होंने बताया कि फसल को रोगों और कीटों से बचाव का बीजोपचार और मृदा उपचार सबसे आसान, सस्ता और प्रभावी तरीका है। बीजों को कवकनाशी, कीटनाशी और जीवाणु कल्चर से इसी क्रम में उपचारित करना चाहिए। साथ ही उर्वरकों का उपयोग मृदा परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार ही करना बेहतर होता है।

बाजरे की फसल में रोग व कीट नियंत्रण कैसे करें?

पौध व्याधि विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि बाजरा फसल में तुलासिता, हरित बाली, अरगट रोग, साथ ही दीमक, सफेद लट और तना छेदक कीट लग सकते हैं। इनसे बचाव के लिए बीजों को बुवाई से पहले:
6 ग्राम मेटालेक्जिल से रोग नियंत्रण हेतु
8.75 मिली इमिडाक्लोप्रिड 600 FS या
7.5 ग्राम क्लोथायोनिडिन 50 WDG से कीट नियंत्रण हेतु प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।

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जीवाणु कल्चर से बीज उपचार विधि

रसायन विशेषज्ञ डॉ. कमलेश चौधरी ने बताया कि बाजरे के बीजों को एजोटोबैक्टर जीवाणु कल्चर से इस प्रकार उपचारित करें:
500 मि.ली. पानी में 250 ग्राम गुड़ गर्म करके घोल बनाएं
ठंडा होने पर 600 ग्राम कल्चर मिलाएं
इस मिश्रण को बीजों पर एक समान चढ़ाएं और छाया में सुखाकर तुरंत बोएं

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बाजरे की बुवाई का समय और खाद की मात्रा

शस्य वैज्ञानिक राम करण जाट के अनुसार बाजरे की बुवाई मध्य जून से जुलाई के तीसरे सप्ताह तक करें। बीज दर 4 किलो प्रति हेक्टेयर रखें। खाद की मात्रा:

104 किलो यूरिया + 65 किलो DAP या
130 किलो यूरिया + 188 किलो SSP प्रति हेक्टेयर
बुवाई से पहले DAP/SSP और आधा यूरिया दें, बाकी आधा 25-30 दिन बाद वर्षा होने पर डालें।

खरपतवार प्रबंधन और सिंचाई सुझाव


बाजरे की बुवाई के तुरंत बाद एट्राजीन 50 WP की 500 ग्राम सक्रिय मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। तीसरे-चौथे सप्ताह तक निराई-गुड़ाई ज़रूरी है। यदि सिंचाई की सुविधा हो, तो फूटाव, सिट्टा निकलने और दाना बनने के समय सिंचाई करें।

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