आम में रोग और कीट प्रबंधन से होगी बेहतर पैदावार, जानें ज़रूरी टिप्स
25 जून 2025, नई दिल्ली: आम में रोग और कीट प्रबंधन से होगी बेहतर पैदावार, जानें ज़रूरी टिप्स – फलों का राजा आम न सिर्फ स्वाद में अव्वल है, बल्कि किसानों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत भी है। लेकिन जैसे-जैसे फल पकने का समय आता है, फल मक्खी और काले धब्बों की समस्या बढ़ने लगती है। इसे देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के विशेषज्ञों ने आम के बागों की सही देखभाल और कीट नियंत्रण के लिए किसानों को महत्वपूर्ण सलाह दी है।
फलों की गुणवत्ता और भंडारण क्षमता कैसे बढ़ाएं?
गर्मी के मौसम में सिंचाई सबसे जरूरी कार्य है। जिन इलाकों में मिट्टी हल्की या बलुई है, वहां हर 7 दिन में पानी देना जरूरी है, जबकि भारी मिट्टी वाले क्षेत्रों में 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। साथ ही, पेड़ों को सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक, बोरॉन, आयरन, मैंगनीज और कॉपर की आवश्यकता होती है। बाजार में उपलब्ध इन तत्वों के मिश्रण को 2 मि.ली./लीटर पानी के अनुपात में मिलाकर पेड़ों पर छिड़काव करें। इससे फल का विकास और गुणवत्ता बेहतर होगी।
उत्तर भारत की अगेती किस्में जैसे दशहरी, बॉम्बे ग्रीन, गौरजीत और IARI द्वारा विकसित पूसा लालिमा जून के मध्य तक पकने लगती हैं। ऐसे में अगर जून के पहले सप्ताह में 1% पोटेशियम (पोटेशियम क्लोराइड, नाइट्रेट या सल्फेट) का छिड़काव किया जाए तो फल की मिठास और भंडारण क्षमता में काफी सुधार आता है।
कोइलिया विकार से कैसे बचाएं?
भट्टियों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड गैस आम में कोइलिया विकार पैदा करती है, जिससे फल की गुणवत्ता गिरती है। इससे बचने के लिए बोरेक्स का छिड़काव बेहद कारगर है। मई के पहले पखवाड़े में एक छिड़काव के बाद इस समय (जून के अंत में) एक और छिड़काव करें। इसके लिए 10 ग्राम बोरेक्स प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर पेड़ों पर छिड़काव करें।
फल मक्खी का आतंक और उसका इलाज
इस समय आम के बागों में सबसे खतरनाक कीट है फल मक्खी, जिसकी मादा आम की त्वचा के नीचे अंडे देती है। इससे फल सड़ने लगते हैं और खाने योग्य नहीं रह जाते। इससे बचाव के लिए फल मक्खी ट्रैप लगाना जरूरी है।
- एक हेक्टेयर में 12–15 ट्रैप पर्याप्त माने जाते हैं।
- ट्रैप में इस्तेमाल की गई लकड़ी को हर 15–20 दिन में बदलना चाहिए।
- ट्रैप तैयार करने के लिए तीन रसायनों का मिश्रण बनाएं:
- ईथाइल अल्कोहल (6 भाग)
- मिथाइल यूजेनोल (4 भाग)
- स्पाइनोशेड (3 भाग)
इस मिश्रण में लकड़ी के टुकड़े को कम से कम 72 घंटे तक भिगोकर ट्रैप में इस्तेमाल करें।
इसके अलावा, स्पाइनोशेड (40 मि.ली./100 लीटर पानी) का छिड़काव 10–15 दिन के अंतराल पर दो बार करें। इससे फल मक्खी के नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी।
छोटे पौधों और नए बाग के लिए सलाह
जहां पेड़ छोटे हैं या हाल ही में बाग लगाया गया है, वहां नियमित सिंचाई बहुत जरूरी है। जो किसान मानसून में नया बाग लगाना चाहते हैं, उन्हें मई के अंत से जून के पहले सप्ताह तक गड्ढे खोदने की व्यवस्था कर लेनी चाहिए। गड्ढों को कम से कम 20–25 दिन खुला छोड़ना चाहिए ताकि धूप में कीटाणु नष्ट हो जाएं।
आम की खेती से अच्छी आय तभी संभव है जब वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएं। IARI के विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार सिंचाई, पोषण और कीट प्रबंधन पर ध्यान देकर किसान न सिर्फ बेहतर पैदावार पा सकते हैं, बल्कि फल की गुणवत्ता और बाजार में कीमत भी बढ़ा सकते हैं।
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