राज्य कृषि समाचार (State News)

रेज्ड-बेड तकनीक से मक्का की बुवाई

10 जुलाई 2024, भोपाल: रेज्ड-बेड तकनीक से मक्का की बुवाई- छिन्दवाड़ा (कृषक जगत)। कम खर्च में उपज अधिक आसानी से उच्च दामों पर विक्रय होने के कारण इस साल जिले में मक्का की लगभग ढाई लाख हेक्टर क्षेत्र में बोनी होगी जो न सिफऱ् प्रदेश बल्कि देश के सर्वाधिक मक्का क्षेत्र वाला जिला बनेगा। यहाँ मक्का की औसत उत्पादकता विगत तीन वर्ष पहले तक 40 क्विंटल प्रति हेक्टर थी वहीं तीन वर्षों में मक्का की बोनी की तकनीक में बदलाव कर रेज़्ड-बेड (मेढ़ नाली तकनीक) से मेज प्लांटर द्वारा बोनी करने से उत्पादन बढ़ा है। हायब्रिड बीज, उन्नत तकनीकी समन्वित उर्वरक उपयोग से मक्के की औसत उत्पादकता 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टर हो गई है।

रेज़्ड- बेड तकनीक मेज प्लांटर से बोनी करने पर फ़ायदे

  • बीज की बचत होती है इस तकनीक से बोनी करने पर सामान्य बोनी (7-8 किग्रा प्रति एकड़) की तुलना में कम (5-6 किग्रा प्रति एकड़) बीज की आवश्यकता होती है जिससे लागत में भी कमी आती है
  • अधिक पानी गिरने की स्थिति में पानी नाली से बाहर निकल जाता है एवं फसल मेढ़ पर सुरक्षित रहती है।
  • कम पानी गिरने पर जो पानी नाली में इकट्ठा रहता है उसका उपयोग फसल के द्वारा किया जाता है इससे फसल सुरक्षित रहती है।
  • रो टू रो (क़तार से क़तार) की दूरी अधिक होने से पौधों की बढ़वार अच्छी होती है एवं अधिक उपज प्राप्त होती है।

मक्का उत्पादन में सिरमौर छिन्दवाड़ा

जि़ले के उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह बताते हैं कि प्रतिवर्ष लगभग 15 से 16 लाख मैट्रिक टन मक्के का उत्पादन हो रहा है। सुखद संयोग ये भी रहा कि जिले में एक इथेनॉल प्लांट बोरगाँव सौंसर में चालू है जिसमें लगभग 15 लाख मैट्रिक टन मक्का की खपत है जो छिन्दवाड़ा, बैतूल, सिवनी सहित महाराष्ट्र, तेलंगाना से प्राप्त कर इस प्लांट को सप्लाई हो रही है।
इसके अलावा जिले में दो इथेनॉल यूनिट निर्माणाधीन है जिनके प्रारंभ होने से मक्का की खपत जिले में और बढ़ेगी साथ ही किसानों को और अच्छे दाम मिलने की संभावना रहेगी। गत दिवस मक्का रेज बेड तकनीक का प्रदर्शन किसानों को बताया गया, इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी कृषि श्री नीलकंठ पटवारी, कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. रिया ठाकुर एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रीमती श्रद्धा डेहरिया भी उपस्थित थीं।

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