मानसून की सक्रियता से बुवाई में आई तेजी : श्री पटेल
शत-प्रतिशत रकबा कवर होने की उम्मीद
- (अतुल सक्सेना)
11 जुलाई 2022, भोपाल । मानसून की सक्रियता से बुवाई में आई तेजी : श्री पटेल – प्रदेश में मानसून पूरी तरह छा गया है तथा बोनी के लायक पर्याप्त वर्षा हो गई है। इसे देखते हुए राज्य के किसान खरीफ फसलों की बुवाई तेजी से कर रहे हैं। अब तक लगभग 50 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बोनी हो गई है जो लक्ष्य के विरुद्ध 73 फीसदी है। कृषि आदानों की पर्याप्त व्यवस्था की गई इसके साथ ही समय से पूर्व फसल बीमा कराने की अपील भी किसानों से की गई है, जिससे उन्हें राहत मिल सके। प्रदेश के अन्नदाताओं को केन्द्र एवं राज्य की योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। यह जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कृषक जगत को दी।
श्री पटेल ने बताया कि इस वर्ष मानसून समय पर आया परन्तु बीच में भटक गया, इस कारण खरीफ बुवाई गत वर्ष की तुलना में कुछ पिछड़ी। परन्तु अब मानसून के पुन: सक्रिय होने से बोनी की रफ्तार बढ़ी है जिससे बेहतर उत्पादन की संभावना बढ़ गई है। क्योंकि शत-प्रतिशत रकबा कवर होने की उम्मीद है।
कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ 2022 में निर्धारित लक्ष्य 147.72 लाख हेक्टेयर के विरुद्ध अब तक 50 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गयी है जो लक्ष्य के विरुद्ध 73 फीसदी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक सोयाबीन की बोनी 30 लाख हे. से अधिक क्षेत्र में कर ली गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था के साथ-साथ गांव में विद्युत आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को बाढ़ एवं खेतों में जलभराव की स्थिति पर नजर रखने तथा शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। फसल बीमा के सम्बंध में श्री पटेल ने बताया कि किसानों को फसल बीमा कराने की सलाह दी गई है जिससे उन्हें नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इस वर्ष फसल हानि का आकलन फसल कटाई प्रयोग के आधार पर न होकर रिमोट सेसिंग टेक्नालॉजी द्वारा किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि केन्द्र एवं राज्य की किसान हितकारक योजनाओं का लाभ किसानों को मिल रहा है। पीएम किसान सम्मान एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण जैसी योजनाओं से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
श्री पटेल ने बताया कि केन्द्र प्रवर्तित योजनाएँ जैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन, नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना, स्वाईल हेल्थ कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सबमिशन ऑन एग्रोफोरेस्ट्री, समर्थन मूल्य में फसल का उपार्जन का लाभ किसानों को भरपूर मिल रहा है। यही कारण है तिलहन, दलहन और धान की उपज और बिक्री में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय सफलताएँ हासिल की हैं।
मध्यप्रदेश के अन्नदाताओं के सर्वांगीण विकास और खुशहाली के लिए राज्य की योजनाएँ भी भलीभांति फलीभूत हो रही है। नलकूप खनन योजना, राष्ट्रीय बायोगैस योजना, कृषि शक्ति योजना, कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन योजना, अन्नपूर्णा योजना, मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना बहुत ही प्रभावकारी साबित हुई है।
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