एफपीओ प्रतिनिधियों के साथ सोपा की बैठक संपन्न
22 अप्रैल 2025, इंदौर: एफपीओ प्रतिनिधियों के साथ सोपा की बैठक संपन्न – द सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( सोपा ) इंदौर द्वारा एफपीओ प्रतिनिधियों के साथ सोयाबीन और गेहूं बीज की मार्केटिंग को लेकर सोमवार को एक बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में सोपा के कार्यकारी निदेशक श्री डीएन पाठक एवं सहायक प्रबंधक श्री एसएस सिसोदिया ने इंदौर, धार ,देवास, उज्जैन , खरगोन और नर्मदापुरम जिले से आए एफपीओ प्रतिनिधियों को कार्य की रूपरेखा बताते हुए मार्गदर्शन दिया। श्री गोपाल परमार ,प्रबंधक, सीड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (एसडीपी ) ने सीड प्रोडक्शन प्रोजेक्ट के बारे में बताया।
बैठक में श्री पाठक ने जानकारी दी कि सोपा के पास सोयाबीन की 5 -6 वेराइटी उपलब्ध है। क्षेत्र के 6 जिलों के 5400 हेक्टेयर में सोयाबीन सीड का प्रोडक्शन प्रस्तावित है , जिसमें किसानों को निर्धारित मात्रा में बीज मुफ्त दिया जाएगा , इसके लिए जो किसान इससे जुड़ना चाहते हैं उन्हें अपनी फार्मर आईडी के साथ किसान पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पंजीकृत किसानों को सोयाबीन के ब्रीडर और फाउंडेशन बीज पर 250 और 300 रु का बोनस भी दिया जाएगा। सोपा निदेशक ने एफपीओ के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे किसानों को समझाएं कि सोयाबीन की निर्धारित बीज दर (70 किलो / हेक्टेयर ) के अनुसार ही बोनी करें। इससे 16 क्विंटल/ हेक्टेयर तक का उत्पादन लिया जा सकता है। अच्छी तकनीक का प्रयोग कर सोयाबीन की उपज बढ़ाई जा सकती है। आपने एफपीओ प्रतिनिधियों को डीओसी प्लांट की अधिक लागत को देखते हुए सोया बड़ी प्लांट लगाने का सुझाव दिया , जिसमें सरकार द्वारा 9 लाख रु की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
बैठक में श्री परमार ने सोपा के बीज प्रोडक्शन प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी , वहीं श्री सिसोदिया ने बताया कि अनुबंध एफपीओ से किया जाएगा जिसमें उन्हें आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। बीज की 2000 रु / क्विंटल की दर से एडवांस बुकिंग करनी होगी। बोवनी से लेकर कटाई के दौरान फसल निरीक्षण , मार्गदर्शन एवं बीज परीक्षण भी किया जाएगा । बीज का भुगतान चैक से किया जाएगा। एफपीओ प्रतिनिधियों द्वारा सीड प्रोडक्शन से संबंधित सोयाबीन की किस्मों, बीज संग्रहण , विपणन और परिवहन जैसे बिंदुओं पर चर्चा की गई । उज्जैन जिले के एक एफपीओ प्रतिनिधि ने ध्यान आकृष्ट कराया कि एफपीओ को मार्कफेड से उर्वरक नहीं मिलता है, जबकि हमारा संगठन किसानों से जुड़ा है। अन्य विषयों में इस वर्ष मक्का का रकबा बढ़ने पर भी चर्चा हुई। एफपीओ प्रतिनिधियों को सोपा की ओर से आश्वस्त किया गया कि उन्हें पूरा व्यापारिक सहयोग दिया जाएगा। एफपीओ प्रतिनिधियों द्वारा अपने समूह के किसानों से चर्चा उपरांत पुनः बैठक करने की बात कही गई।
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