राज्य कृषि समाचार (State News)

मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण शिविर का आयोजन

24 फ़रवरी 2025, खंडवा: मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण शिविर का आयोजन – ग्राम जसवाड़ी में मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण शिविर का आयोजन गत दिनों किया गया। जिसमें जिले से सहायक मृदा परीक्षण अधिकारी श्रीमती कविता गवली, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जितेंद्र दादूरिया, कृषि विस्तार अधिकारी विक्रम सिंह मंडलोई , महेश बिरला कृषि विस्तार अधिकारी आदि अधिकारी उपस्थित  थे ।

श्रीमती गवली ने किसानों को पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के संबंध में जानकारी दी गई व बताया गया कि मिट्टी पोषक तत्वों का भंडार है तथा पौधों के विकास व उपज की गुणवत्ता के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है । इन पोषक तत्वों को फसलों की आवश्यकता के आधार पर मुख्य पोषक तत्व, द्वितीय पोषक तत्व व सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत किया गया है। हाइड्रोजन ,ऑक्सीजन ,कार्बन डाइऑक्साइड, हवा व जल से मिलने वाले पोषक तत्व होते हैं। जबकि नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश , मुख्य व प्राथमिक पोषक तत्व होते हैं , जिनको पौधे अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं। वहीं कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर द्वितीय पोषक तत्व होते हैं । इनके अलावा सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं जिनको बहुत ही कम मात्रा में प्रयोग में लाया जाता है । सूक्ष्म पोषक तत्व जिंक, आयरन ,मैग्नीज, कॉपर ,बोरोन आदि होते हैं । इन सभी पोषक तत्वों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करने से ही अच्छी पैदावार ली जा सकती है।

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श्रीमती गवली ने यह भी बताया कि हमारे क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्वों जिसमें जिंक की कमी होती जा रही है , अतः 25 किग्रा/हेक्ट. जिंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर का छिड़काव 2 से 3 वर्ष के अंतराल पर किसान अवश्य करें , ताकि कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकें। श्रीमती गवली  ने कहा कि  मिट्टी की जाँच अवश्य करवायें व उर्वरकों की अनुशंसित व संतुलित मात्रा का प्रयोग करें। ग्रीष्मकाल में मई व जून माह में मिट्टी का नमूना लेना उचित होता है। मिट्टी का नमूना ऐसा होना चाहिए जो संपूर्ण खेत का प्रतिनिधित्व करें।

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री दादूरिया द्वारा कृषकों के समसामयिक विषय व समस्याओं का समाधान किया गया व कहा कि  पूर्व वर्षों में शासन की योजना अनुसार ग्रेड  आधारित 10 हेक्टेयर के एक ग्रेड से एक नमूना लिया जाता था , जिसके अंतर्गत जितने कृषक आते थे उन्हें समान मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनते थे, किंतु वर्तमान नवीन योजना अनुसार प्रत्येक किसान के खेत से अलग-अलग नमूने लिए जाते हैं व प्रत्येक किसान का पृथक से सॉइल हेल्थ कार्ड बनाया जाता है। कृषि विस्तार अधिकारी श्री विक्रम सिंह मंडलोई के द्वारा मृदा नमूना लेने की विधि ,नमूना लेते समय रखे जाने वाली सावधानियां व जैविक खेती की विशेषताओं के संबंध में किसानों को विस्तारपूर्वक समझाइश दी गई। श्री मंडलोई जी द्वारा जैव उर्वरक को बनाने की विधि व प्रयोग के बारे में विस्तार से किसानों से चर्चा की गई। नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान के संबंध में भी चर्चा की गई व  किसानों से नरवाई न जलाने अपील की गई।

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