राज्य कृषि समाचार (State News)

देवास में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

14 अक्टूबर 2023, इंदौर:  देवास में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न – कृषि विज्ञान केन्द्र, देवास  में गत दिनों  33वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन हाइब्रिड माध्यम से किया गया। उक्त कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ. वाय.पी.सिंह, निदेशक विस्तार सेवाएं, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि, ग्वालियर के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ. दिनेश कुमार पालीवाल, मुख्य अतिथि डॉ. के.एन. पाठक,अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, इंदौर , विशिष्ठ अतिथि डॉ. अशोक शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय इंदौर एवं भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर से डॉ. बुद्धेश्वर दुपारे के अलावा  कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदौर, उज्जैन, एवं शाजापुर से क्रमश: डॉ. अरुण शुक्ला, शस्य वैज्ञानिक, डॉ. सूर्यवंशी एवं डॉ. डी.के. तिवारी शामिल हुए।

बैठक में सर्वप्रथम  केवीके  प्रमुख डॉ. ए.के.बड़ाया ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य के बारे में बताया।  इसके बाद डॉ. महेन्द्र सिंह, शस्य वैज्ञानिक द्वारा  पिछले 6  माह में आयोजित की गई गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी 6 माह की प्रस्तावित कार्ययोजना के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ. पालीवाल ने उद्यानिकी फसलों में निश्चित समय पर उर्वरीकरण करने का सुझाव दिया एवं सेल काउंटर द्वारा जैव उर्वरकों  की बिक्री किये जाने व बीज के छोटे -छोटे पैकेट बनाकर सेल काउंटर से विक्रय कर नई प्रजातियों के फैलाव करने पर जोर दिया गया। डॉ  पाठक ने चने की फसल में मॉलीब्लेडिनम से उपचार की सलाह दी एवं मछली की बीज उत्पादन की आवश्यकता के साथ ही  बागवानी पौधे तैयार करने पर जोर दिया। उप-संचालक कृषि  श्री आर.पी.कनेरिया  द्वारा फसल विविधीकरण में रबी में मसूर व अलसी को शामिल करने व  गेहूं  फसल में बीज दर के प्रदर्शन केंद्र पर प्रतिवर्ष लगाने की सलाह दी गई।

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इस महत्वपूर्ण बैठक में डॉ. प्रदीप कुमार पंड्या, अतिरिक्त उप-संचालक, पशुपालन विभाग, श्री लोकेश कुमार मिश्र, सहायक संचालक मत्स्य विभाग, श्री चंद्रेश अमरावंशी , उप-संचालक प्रतिनिधि, उद्यानिकी विभाग, सहायक यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी के प्रतिनिधि श्री अंशुल बारोड़ के साथ  जिले के विभिन्न कृषक उत्पादन संगठन एवं गैर-शासकीय संस्थाओं के अधिकारीगण एवं जिले के प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे। इस बैठक को सफल बनाने में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ के एस भार्गव, डॉ महेंद्र सिंह, डॉ मनीष कुमार, डॉ. निशीथ गुप्ता, डॉ. लक्ष्मी, श्रीमती नीरजा  पटेल , श्री विनेश मुजाल्दा, श्रीमती अंकिता पाण्डेय, डॉ सविता कुमारी एवं श्री पवन कुमार राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।

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