राज्य कृषि समाचार (State News)

देवास में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न

03 नवम्बर 2022, देवास: देवास में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न – कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा गत दिनों वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हाईब्रिड माध्यम से आयोजित की गई । मुख्य अतिथि डॉ. शरद चौधरी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, इंदौर थे। बैठक की अध्यक्षता विशिष्ट अतिथि डॉ. वाय.पी.सिंह, निदेशक विस्तार सेवाएं ,रा.वि.सि.कृ.वि.वि.,ग्वालियर ने की ।

डॉ. वाय.पी.सिंह, ने मृदा स्वास्थ्य हेतु फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष जोर देते हुए प्लास्टिक मल्चिंग के स्थान पर फसल अवशेष मल्चिंग को अपनाने , सिंचाई की विधियों में सुधार कर सिंचाई के पानी को संरक्षित करने एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों /नैनो डीएपी के प्रयोग करने पर ज़ोर दिया गया। डॉ. शरद चौधरी ने केन्द्र के कार्यों को सराहा एवं किसान की आय बढ़ोत्तरी पर कार्य किये जाने का सुझाव दिया। डॉ. रमेश आसवानी, वैज्ञानिक, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि., ग्वालियर ने सूक्ष्म पोषक तत्वों के पर्णीय छिड़काव करने के साथ-साथ जैविक कीटनाशकों का अधिक से अधिक उपयोग करने एवं मछली पालन से किसानों की आय बढ़ाने संबंधी गतिविधियां संचालित करने हेतु सुझाव दिया। डॉ. आर.पी.शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा विपणन हेतु बनाये गये उत्पादों की विधि एवं तकनीकी को किसानों तक पहुंचाने एवं फसल विविधिकरण अपनाने हेतु किसानों को जागरूक करने का सुझाव दिया। इसके पूर्व बैठक के आरम्भ में केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ए.के.बड़ाया ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्यकी जानकारी दी । डॉ. महेन्द्र सिंह, शस्य वैज्ञानिक द्वारा विगत 6 माह में हुई गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी 6 माह की प्रस्तावित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया।

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श्री आर.पी. कनेरिया, उप-संचालक कृषि, उज्जैन ने शासन की योजना के अनुसार कृषक प्रक्षेत्र पर फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए दलहनी एवं रबी में अन्य फसलों जैसे: सरसों, अलसी आदि को अपनी कार्य योजना में शामिल करने एवं केन्द्र के प्रक्षेत्र पर प्राकृतिक खेती का अनुप्रयोग करने हेतु सुझाव दिया। नाबार्ड के प्रबंधक श्री अविनाश तिवारी द्वारा खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन के साथ-साथ उच्चउपज क्षमता वाली फसल किस्मों को अपनाने की बात कही । श्री लोकेश गंगराड़े, सहायक संचालक कृषि ने केन्द्र के क्लस्टर क्षेत्र में खातेगांव एवं कन्नौद विकासखण्ड को अंगीकृत करने का सुझाव दिया। कृषि उपज मण्डी देवास के उपनिरीक्षक श्री निशांत व्यास द्वारा हाल ही में लॉन्च हुए एम.पी. फार्म गेट ऐप की जानकारी देकर इसे किसानों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि इस ऐप द्वारा किसान घर बैठे ही अपनी उपज का भाव एवं विपणन आसानी से कर सकते हैं।

इस बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. जी.आर.अम्बावतिया शाजापुर एवं वैज्ञानिक डॉ. डी.के.मिश्रा, इंदौर की भी भागीदारी रही । इसके अलावा श्री पंकज शर्मा, उप-संचालक उद्यानिकी, डॉ. गिरोठिया, पशुपालन विभाग, श्री एम.एल.सोलंकी, उप-परियोजना संचालक, श्री लोकेश गंगराड़े, सहायक संचालक कृषि साथ ही जिले के विभिन्न कृषक उत्पादक संगठन एवं गैर-शासकीय संस्थाओं के अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक को सफल बनाने में जिले के प्रगतिशील कृषकों के साथ -साथ केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निशीथ गुप्ता, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. मनीष कुमार, डॉ.लक्ष्मी, श्रीमती नीरजा पटेल , तकनीकी अधिकारी श्री विनेश मुजाल्दा, श्रीमती अंकिता पाण्डेय, डॉ. सविता कुमारी, श्री विद्याभूषण मिश्रा एवं श्री पवन राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।

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