राज्य कृषि समाचार (State News)

मिट्टी की सेहत बचाएं, खेत की उपज बढ़ाएं

लेखक: श्रीयांशु राठौर

21 जून 2025, भोपाल: मिट्टी की सेहत बचाएं, खेत की उपज बढ़ाएं –

मिट्टी बचेगी तभी खेती टिकेगी

किसानों भाइयों और बहनों,

हमारी खेती की असली ताकत मिट्टी है। मिट्टी नहीं तो अनाज नहीं। लेकिन आज लगातार ज्यादा जुताई, रासायनिक खाद का अत्यधिक उपयोग, पेड़ों की कटाई और बारिश का बहाव हमारी मिट्टी को खराब कर रहा है।

जिस जमीन से हम रोज़ी-रोटी कमाते हैं, वही अगर कमजोर हो जाए, तो हमारी खेती भी कमजोर हो जाएगी। इसीलिए आज सबसे जरूरी है – मृदा संरक्षण यानी मिट्टी की रक्षा।

मिट्टी बिगाड़ने वाले काम

  • बार-बार खेत को जोतना
  • सिर्फ एक ही फसल बार-बार लगाना
  • जरूरत से ज्यादा रासायनिक खाद डालना
  • पेड़-पौधे काट देना
  • बिना योजना के सिंचाई करना

मिट्टी बचाने के आसान उपाय

  1. फसल चक्र अपनाएं: गेहूं के बाद दलहनी फसलें (जैसे मूंग, उड़द) लगाएं। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ता है।
  2. जैविक खाद डालें: गोबर की खाद, कंपोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट से मिट्टी की ताकत बढ़ती है।
  3. पौधे लगाएं (वनरोपण): खेत की मेड़ों पर पेड़ और झाड़ियाँ लगाएं। इससे मिट्टी बहती नहीं है।
  4. सीढ़ीनुमा खेती (Terrace Farming): पहाड़ी या ढलान वाले इलाकों में यह तरीका बहुत कारगर है।
  5. कंटूर नाली बनाएं: पानी को सीधे नीचे बहने से रोकें। इससे मिट्टी नहीं बहती और जल भी बचता है।
  6. मिट्टी की जांच कराएं: “मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना” के तहत सरकार मुफ्त में मिट्टी की जांच करवाती है।

सरकार से मदद कैसे लें?

  • कृषि विभाग से संपर्क करें – अपने जिले के कृषि अधिकारी से सलाह लें।
  • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) – हर जिले में मौजूद हैं। वहां से मृदा संरक्षण पर प्रशिक्षण मिल सकता है।
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना – इस योजना के तहत हर किसान को बताया जाता है कि उसकी जमीन में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं।

लेखक की बात

मिट्टी हमारी माँ है। माँ को बीमार नहीं होने देना है। अगर आज से हम मृदा संरक्षण शुरू करें, तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को उपजाऊ ज़मीन मिलेगी।

तो आइए, हम सब मिलकर मिट्टी की रक्षा करें और खेती को समृद्ध बनाएं।

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