राज्य कृषि समाचार (State News)

मिलर्स नीति और उपार्जन नीति की मंत्रालय में समीक्षा

14 नवंबर 2024, भोपाल: मिलर्स नीति और उपार्जन नीति की मंत्रालय में समीक्षा – अच्छा कार्य करने वाले मिलर्स को प्रोत्साहित करें और नियमानुसार कार्य नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करें। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने यह निर्देश मिलर्स नीति और धान, ज्वार, बाजरा की उपार्जन नीति की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि मिलर्स द्वारा लापरवाही करने पर उनकी अमानत राशि राजसात करने की कार्रवाई करें। श्री राजपूत ने मिलर्स से समय पर धान की मिलिंग कर एजेंसियों के पास चावल जमा कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

उपार्जन केन्द्र पर हों सभी सुविधाएं

खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिये सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुविधायुक्त उपार्जन केन्द्रों की फोटो बुलवाएं। क्वालिटी कंट्रोल पर पूरा ध्यान दें। क्वालिटी चेक करने वाले सर्वेयर पर भी नजर रखें। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि सर्वेयर का नया कैडर बनाने का प्रस्ताव तैयार करें। उपार्जन केन्द्रों पड़ोसी राज्यों से लायी जाने वाली उपज की अवैध बिक्री को रोकने के समुचित प्रबंध करें। उच्च गुणवत्ता के बारदाने उपयोग में लाये जायें। सभी मंडियों, उपार्जन केन्द्रों एवं भण्डारण केन्द्रों के नापतौल उपकरणों एवं धर्मकाटों का सत्यापन एवं प्रमाणीकरण कराएं। केन्द्र सरकार की संस्थाएं, नेशनल कन्ज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन (एनसीसीएफ) और केन्द्रीय भण्डार को उपार्जन कार्य से जोड़ने के संबंध में भी चर्चा हुई।

खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने निर्देश दिये कि वर्ष 2024-25 की मिलिंग नीति को जारी करने से पहले छोटे तथा बड़े मिलर्स एवं उपार्जन कार्य में पहली बार शामिल हो रही केन्द्र सरकार की संस्था एनसीसीएफ एवं केन्द्रीय भण्डार के लिये प्रदेश में अनुकूल और सहयोगात्मक वातावरण बनाया जाये। उन्होंने कहा कि उपार्जन कार्य को सरल एवं सुविधायुक्त बनाने के लिये वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन तथा नागरिक आपूर्ति निगम से एक-एक अधिकारी नोडल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाये। इससे उपार्जन कार्य में शामिल एजेंसी की किसी भी प्रकार की समस्या का तुरंत निराकरण हो सकेगा।

बैठक में बताया गया कि उपार्जन केन्द्र से मिलर्स अथवा गोदाम तक मैपिंग कराई जाएगी, इससे उपार्जित अनाज के परिवहन की सटीक जानकारी मिल सकेगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंडला में अनाज की सफाई मशीनों द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। यहां पर प्रोजेक्ट सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा।

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