State News (राज्य कृषि समाचार)

शीघ्र ही उन्नत पशुपालन के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर होगा राजस्थान : श्री कुणाल

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केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान का दौरा

23 अप्रैल 2023, जयपुर । शीघ्र ही उन्नत पशुपालन के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर होगा राजस्थान : श्री कुणाल – पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने कहा कि नस्ल सुधार में किये जा रहे प्रयास और राज्य सरकार की पशुपालन के क्षेत्र में चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के नतीजन आज राज्य ऊन उत्पादन में सम्पूर्ण देश में सर्वोच्च स्थान पर है। उन्होंने कहा कि विभाग एवं राज्य सरकार बेहतर पशुपालन की दिशा में लगातार कार्य कर रहे है।  परिणामस्वरूप राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में स्टार्टअप एवं रोजगार के साधन विकसित होने का माहौल बना है। आज राज्य में पशुपालकों की आय के साथ उन्नत नस्लीय पशुधन में वृद्धि हुई है।

श्री कुणाल टोंक जिले स्थित अंविकानगर में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान का दौरा कर निरीक्षण कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने संस्थान द्वारा भेड़ एवं बकरी पालन की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य उन्नत पशुधन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस दौरान उन्होंने बकरी सुधार पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना एवं मांस व दुग्ध उत्पादन हेतु सिरोही बकरियों के अनुवांशिक सुधार की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर बकरी एवं भेड़ की प्रमुख नस्लों की जानकारी ली।

इस मौके पर श्री कुणाल ने संस्थान द्वारा खरगोश पालन एवं पशुधन उत्पादों की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. तोमर ने संस्थान द्वारा पशुपालकों के लिए उन्नत नस्लीय पशुधन विकास में किये जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया। 

ऊन उत्पादन में प्रथम स्थान पर राज्य- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पशुपालन विभाग के विभागीय वार्षिक प्रकाशन ‘बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2022’ के अनुसार राजस्थान 45.91 प्रतिशत ऊन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर है। वहीं ऊन उत्पादन में प्रमुख पांच राज्य यथा राजस्थान (45.91 प्रतिशत), जम्मू एवं कश्मीर (23.19 प्रतिशत), गुजरात (6.12 प्रतिशत), महाराष्ट्र (4.78 प्रतिशत), एवं हिमाचल प्रदेश (4.33 प्रतिशत) हैं। देशी ऊन गर्म कपडे, कार्पेट एवं पैकेजिंग सामग्री एवं बिल्डिंग सामग्री के साथ बायो फ़र्टिलाइजऱ के रूप में भी मुख्य अवयव के रूप में उपयोग में आती है।

 इस मौके पर पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. नवीन मिश्रा,  डॉ. प्रकाश चंद भाटी एवं संस्थान के अधिकारी मौजूद रहे।

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