राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

राजस्थान: ग्वार की फसल में फंगस रोग का कहर, जानिए कैसे करें बचाव

29 अगस्त 2024, जयपुर: राजस्थान: ग्वार की फसल में फंगस रोग का कहर, जानिए कैसे करें बचाव – राजस्थान के पदमपुर क्षेत्र में ग्वार की फसल पर फंगस रोग का प्रकोप हो रहा है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि खरीफ फसलों में फंगस और कीटों का हमला होता है, जिससे बचाव के लिए कीटनाशक और फफूंदनाशक रसायनों का छिड़काव करना अनिवार्य हो गया है।

ग्वार की फसल में खासतौर पर फिजियोलॉजिकल विल्ट और जड़ गलन रोग की समस्या देखी गई है। इस समस्या से बचने के लिए, भारी वर्षा के बाद खेतों से पानी की निकासी सुनिश्चित करें और पानी सूखने के बाद फसल की जड़ों के आसपास सिलर चलाकर हवा का प्रवाह बनाए रखें, जिससे फसल को नुकसान से बचाया जा सके।

डॉ. शर्मा ने बताया कि ग्वार फसल में जड़ गलन से बचाव के लिए बीजों का कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत का 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीज उपचार जरूरी है। इसके अलावा, भूमि उपचार के लिए ट्राईकोड्ररमा 2 किलोग्राम/100 किलोग्राम गोबर की खाद में प्रति हेक्टयर की दर से उपयोग करना भी अतिआवश्यक है। यदि फसल में जड़ गलन के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत 5 ग्राम ट्राईकोड्ररमा प्रति लीटर पानी की दर से बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही मृदा निक्षेप करें या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत 1 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से मृदा निक्षेप करें। 

खरीफ फसलों में इस समय फंगस के विभिन्न रोग तेजी से फैल रहे हैं, जिनमें मूंग, ग्वार, कपास आदि शामिल हैं। मूंग में जीवाणु झुलसा और र्स्कोस्पोरा जैसे रोग फैल रहे हैं, जिनकी रोकथाम के लिए विशेषज्ञों ने स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 5 ग्राम तथा कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 300 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति बीघा छिड़काव करें। इसके अलावा,  र्स्कोस्पोरा रोग भी फफूंदी जनित रोग है। इसमें पत्तियों पर कोणाकार भूरे लाल रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जो फली और शाखाओं पर भी हो जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए कार्बनडाजिम 50 प्रतिशत 1 ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव करें। इसी प्रकार जड़ गलन रोग भी फफूंदी जनित रोग है, अधिक नमी से जड़ गलने लगती है और पौधा सूखने लगता है। इसकी रोकथाम जैविक कीटनाशी ट्राइकोडर्मा हारजेनियम 1 प्रतिशत या कार्बनडाजिम 50 प्रतिशत के छिड़काव से की जा सकती है। 

मूंग में येलो मोजैक वायरस विषाणु जनित रोग है। इसकी रोकथाम के लिए फसल में सफेद मक्खी का नियंत्रण करने हेतु मोनोक्रोटोफॉस 36 प्रतिशत या मिथाइलडिमेंटॉन 25 प्रतिशत का 250 एमएल प्रति बीधा के घोल छिड़काव करें।

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