राजस्थान बजट 2025: किसानों को मिलेंगे नए उपकरण, बीज और सब्सिडी
05 मार्च 2025, जयपुर: राजस्थान बजट 2025: किसानों को मिलेंगे नए उपकरण, बीज और सब्सिडी – राजस्थान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए बजट में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में तैयार इस बजट में कृषि उत्पादन, सिंचाई सुविधाओं, तकनीकी नवाचार और किसानों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
सिंचाई और तकनीकी नवाचार पर जोर
बजट में 900 करोड़ रुपये की राशि 25 हजार फार्म पॉन्ड, 10 हजार डिग्गी, 50 हजार सौर पंप संयंत्र और 20 हजार किलोमीटर सिंचाई पाइपलाइन के निर्माण के लिए आवंटित की गई है। इससे 4 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, 1 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में माइक्रो-इरिगेशन और 3.5 लाख हेक्टेयर में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए 1,250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन एग्रीकल्चर’ की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, मक्का फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बांसवाड़ा में 20 करोड़ रुपये की लागत से ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मेज’ स्थापित किया जाएगा।
किसानों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए ‘नॉलेज एन्हांसमेंट प्रोग्राम’ के तहत 100 किसानों को इजरायल सहित अन्य देशों में और 5,000 किसानों को राज्य से बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।
जैविक खेती और आधुनिक उपकरण को प्रोत्साहन
मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए भरतपुर में 15 करोड़ रुपये की लागत से ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर हनी बी-कीपिंग’ स्थापित किया जाएगा। साथ ही, प्रतिवर्ष 2,000 मधुमक्खी पालक किसानों को 5,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 3 लाख ढैंचा बीज मिनीकिट और 50 हजार किसानों को गोबरधन जैविक उर्वरक योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।
कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव पर प्रति हेक्टेयर 2,500 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, 1 लाख किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण और ट्रैक्टर चलित यंत्र उपलब्ध कराने के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत 5.44 लाख किसानों को 1.13 लाख क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले बीज वितरित किए जाएंगे, जिस पर 63 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मृदा शक्ति संवर्धन योजना के अंतर्गत 3 लाख ढैंचा बीज मिनीकिट वितरित किए जाएंगे, जो हरी खाद के रूप में उपयोग किए जाएंगे।
कस्टम हायरिंग केंद्र
किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए 1,000 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिस पर 210 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये केंद्र किसानों को किराए पर मशीनें उपलब्ध कराएंगे, जिससे छोटे और मध्यम किसानों को लाभ मिलेगा।
बजट में 50 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 5,000 रुपये तक के कृषि यंत्र और उपकरण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। इससे उनकी आय बढ़ाने और रोजगार के अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी।
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