राजस्थान: बूंदी में अप्रैल से अब तक 48,800 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति, किसानों को समय पर खाद उपलब्ध
24 अगस्त 2025, जयपुर: राजस्थान: बूंदी में अप्रैल से अब तक 48,800 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति, किसानों को समय पर खाद उपलब्ध – राजस्थान के बूंदी जिले में कृषि विभाग उर्वरकों की रोजाना उपलब्धता पर लगातार नजर रख रहा है। जहां खपत अधिक और आपूर्ति कम होती है, उन ब्लॉकों को चिन्हित कर पूरे जिले में प्राथमिकता के साथ डीएपी और यूरिया का पारदर्शी वितरण किया जा रहा है। उर्वरकों की जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी पूरी सतर्कता से काम कर रहे हैं।
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार कौशल कुमार सोमाणी ने बताया कि अप्रैल से अब तक जिले में स्वीकृत यूरिया के मुकाबले 48,800 मीट्रिक टन की आपूर्ति हो चुकी है। राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार के साथ तालमेल बनाकर जिले की मांग के अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति करवा रही है। खरीफ 2025 में अप्रैल से अगस्त तक डीएपी की 15,366 मीट्रिक टन आपूर्ति की गई है। आवंटित 55,000 मीट्रिक टन यूरिया में से अब तक 48,800 मीट्रिक टन आपूर्ति की जा चुकी है। अप्रैल से अगस्त के बीच भारत सरकार द्वारा आवंटित 20,500 मीट्रिक टन डीएपी में से 15,366 मीट्रिक टन की आपूर्ति की जा चुकी है और बाकी की आपूर्ति जारी है।
स्टॉक की स्थिति और वितरण व्यवस्था
वर्तमान में जिले में 3,290 मीट्रिक टन यूरिया, 3,494 मीट्रिक टन डीएपी, 1,735 मीट्रिक टन एनपीके और 4,958 मीट्रिक टन एसएसपी उर्वरकों का स्टॉक उपलब्ध है। फॉस्फेटिक उर्वरकों का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में पर्याप्त मात्रा में है। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सिफारिशों के अनुसार उर्वरक इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही, उर्वरक वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने और जमाखोरों, कालाबाजारियों तथा अनियमित विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
विभाग द्वारा सभी किसानों को समान रूप से उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए किसानों को पंक्तिबद्ध कर, प्रशासन और विभागीय कर्मचारियों की देख-रेख में उर्वरक वितरण किया जा रहा है। बूंदी जिले में लगातार उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
खरीफ और रबी फसलों के लिए तैयारी
जिले के कुछ क्षेत्रों में किसान सरसों की अगेती बुवाई के लिए डीएपी की अग्रिम खरीद कर रहे हैं, जबकि बुवाई में अभी काफी समय बाकी है। खरीफ फसलों के लिए डीएपी की ज्यादा जरूरत नहीं है। रबी फसलों के लिए उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए अलग आवंटन तय किया गया है, जिसकी आपूर्ति समय पर की जाएगी।
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