छत्तीसगढ़ में जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा, 20.55 करोड़ की लागत से बनेगा बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर
07 जुलाई 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़ में जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा, 20.55 करोड़ की लागत से बनेगा बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) के क्षेत्र में एक नई और ऐतिहासिक पहल की जा रही है। रायपुर में अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है, जो राज्य में जैव संसाधनों के दोहन, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन और युवाओं को रोजगार व नवाचार के अवसर देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (रायपुर) परिसर में यह इंक्युबेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार, राज्य शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बीच त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी है, जो कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन कार्यरत है।
सेंटर की सुविधाएं और लक्ष्य
बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर में कुल 23 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं होंगी, जिनमें BSL-4 (बायोसेफ्टी लेवल-4) की जैव सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा, दो सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं एनालिटिकल टेस्टिंग लैब्स भी स्थापित की जा रही हैं। यह केंद्र जैव प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार, अनुसंधान एवं स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। यहां युवाओं और उद्यमियों को प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग, बुनियादी ढांचा और ऑफिस स्पेस उपलब्ध कराया जाएगा।
सेंटर में 17 सूक्ष्म और लघु उद्योगों तथा 6 वृहद उद्योगों के संचालन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों को तीन वर्षों तक सेंटर में कार्य करने की सुविधा दी जाएगी। विशेष रूप से कृषि और फार्मा बायोटेक स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर 20.55 करोड़ रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है, जिससे निर्माण और फर्निशिंग कार्य को शीघ्रता से पूरा किया जा सके।
क्या होगा लाभ?
1. जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व।
2. युवाओं को मिलेगा रोजगार और स्टार्टअप शुरू करने का अवसर।
3. शोध और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित होगा।
4. राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।
5. यह परियोजना विज्ञान, तकनीक, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर साबित होगी और राज्य को जैव प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाएगी।
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