State News (राज्य कृषि समाचार)

गरीब कल्याण रोजगार से प्रवासी मजदूरों का जीवनयापन

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07 सितंबर 2020, भोपाल। गरीब कल्याण रोजगार से प्रवासी मजदूरों का जीवनयापन बहुत सी कल्याणकारी योजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य कोरोना से बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूरों को जीवनयापन के लिए रोजगार उपलब्ध कराना है। यह बात पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मध्य प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने पीआईबी, भोपाल और आरओबी, भोपाल द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारतः मध्य प्रदेश में गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ विषय पर आयोजित वेबिनार में कही। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 20 कामों के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग मजदूरों के रोजगार के लिए काम कर रहा है। इनमें से 13 कार्य मनरेगा से जुड़े है। कोरोना संकट का सफलतापूर्वक सामना करते हुए अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश में मनरेगा के काम कराने शुरू किए गए और मनरेगा ने रोजगार उपलब्ध कराने में अभूतपूर्व सहयोग दिया। इससे प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हुए और उनका जीवनयापन आसान हुआ।

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श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान का लक्ष्य लॉकडाउन के चलते स्थानीय संसाधनों का प्रयोग करके विकासमूलक कार्यों को अंजाम देना है ताकि प्रवासी मजदूरों को विषम परिस्थिति में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि ये अभियान विपरीत परिस्थितियों से लड़कर पुनः उठ खड़े होने के लिए है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि 13 लाख 88 हजार मजदूर आज भी मनरेगा के कामों में लगे हुए हैं जो पिछले वर्षों के मुकाबले तिगुने हैं। बारिश और अतिवृष्टि के बावजूद गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत बरसात में भी रोजगारमूलक कार्यों का सिलसिला निर्विघ्न रूप से चल रहा है। मध्य प्रदेश में 8 करोड़ के करीब मानव कार्यदिवस उपलब्ध कराने के लक्ष्य का 50 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मप्र में मनरेगा के तहत वर्मी कंपोस्ट, वेस्ट मैनेजमेंट, हार्टिकल्चर आदि 12 क्षेत्रों में दिए गए लक्ष्य प्राप्त कर लिए गए हैं।

श्री मनोज श्रीवास्व ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भले ही गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत मप्र के 24 जिलों को शामिल किया गया है, पर मनरेगा के अंतर्गत पूरे राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 15 लाख 80 हजार 673 मजदूरों के नए जॉब कार्ड बने हैं जो पिछले साल की तुलना में 4.5 गुना ज्यादा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मनरेगा के तहत कुशल और अर्द्ध कुशल मजदूरों को भी रोजगार देने के बारे में केंद्र सरकार से अनुरोध करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आजीविका परियोजना स्वसहायता समूहों की परियोजना है और मध्य प्रदेश में बैंकों के माध्यम से 263 करोड़ के ऋण स्वसहायता समूहों के लिए स्वीकृत किए गए। श्री मनोज श्रीवास्तव ने मुरैना के क्षीरसागर अभियान और नदियों के पुनर्जीवन जैसे कई कार्यों को मनरेगा के तहत किए गए उत्कृष्ट कार्यों के रूप में पेश किया। उन्होंने लोगों से 12 सितंबर को प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में 1.5 लाख हितग्राहियों को आवास सौंपे जाने वाले कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत करने भी का आह्वान किया।

पीआईबी के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे ने वेबिनार का विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि कोविड काल में देश विभिन्न प्रांतों से अपने गृह राज्यों को लौट रहे मेहनतकश लोगों की व्यथा कथा और लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न हुए जीवनयापन करने के साधन जुटाने की बात को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत 20 जून को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा की गई थी।

पीआईबी, भोपाल के निदेशक श्री अखिल नामदेव ने वेबिनार का संचालन किया और यूट्यूब पर प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों को मुख्य वक्ता के समक्ष रखा।

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