मध्य प्रदेश में सियासी संकट गहराया
बजट सत्र हंगामेदार होने की संभावना |
(विशेष प्रतिनिधि)
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प्रदेश में इस राजनीतिक उठा-पटक के बीच 18 मार्च को पेश होने वाला मध्यप्रदेश बजट 2020-21 भी खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। यदि सरकार बची तो विधानसभा सत्र निर्बाध गति से चलेगा जिसकी अधिसूचना पूर्व में ही जारी कर दी गई है।
बजट सत्र में सरकार आधा दर्जन से ज्यादा विधेयक प्रस्तुत करेगी। इसमें तीन विधेयक बजट से जुड़े हुए होंगे तो उद्योग विभाग समयबद्ध स्वीकृति कानून प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा सहकारी अधिनियम, साहूकारी अधिनियम और सिविल सर्विस सेवा अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक सदन के सामने रखे जाएंगे।
कमलनाथ सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष से अधिक बजट रखने के प्रस्ताव तैयार किए हैं। इसको लेकर विनियोग विधेयक, राजकोषीय प्रबंधन एवं बजट उत्तरदायित्व अधिनियम प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा उद्योगों को समयसीमा में विभिन्न तरह की स्वीकृतियां देने के लिए समयबद्ध स्वीकृति अधिनियम प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें एक दिन से लेकर डेढ़ माह के भीतर विभिन्न अनुमतियां देने के प्रावधान रखे गए हैं। निर्धारित समयसीमा में अनुमतियां नहीं दी जाती हैं तो कंप्यूटर से स्वत: अनुमतियां जारी हो जाएंगी। दूसरी तरफ यदि कमलनाथ सरकार गिरती है तो भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। श्री सिंधिया के आने से प्रदेश में भाजपा के हौसले बुलंद हैं। उन्हें म.प्र. से राज्यसभा का टिकट दिया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना हैं।