राज्य कृषि समाचार (State News)

बांस लगाएं, बोनस भी पाएं

वृक्ष मित्र श्री लुणाजी काग से चर्चा

8 फरवरी 2021 इंदौर (विशेष प्रतिनिधि)। बांस लगाएं, बोनस भी पाएं – धार जिले के मनावर के पास स्थित गुलाटी गांव के किसान श्री लुणाजी काग परम्परागत खेती के अलावा कृषि में हमेशा कुछ नया करने की चाहत रखते हैं। 1990 के दशक में 4 बीघे में नीलगिरी के 4 हजार पेड़ लगाकर दौलत और शोहरत दोनों कमा चुके इस बुजुर्ग किसान ने अब बांस के पेड़ लगाने की पैरवी की है, ताकि किसानों की लम्बे समय तक आय होती रहे।

श्री लुणाजी काग ने कृषक जगत को बताया कि 1990 में 4 बीघा में 4 हजार नीलगिरी के पेड़ लगाए थे। उन दिनों उनके इस नवाचार ने खूब सुर्खियां बटोरी थी, जिससे बहुत प्रसिद्धि मिली थी। 5 साल बाद इन्हें काटकर बेच दिया और अच्छी कमाई कर ली थी। 2011 में वन विभाग द्वारा इन्हें ‘वृक्ष मित्रÓ पुरस्कार दिया गया था। इन्होंने एक बीघा में सागौन के भी 150 पेड़ लगाए हैं, जिन्हें यथा समय काटकर बेचा जा रहा है। फिलहाल इनकी निजी नर्सरी में चीकू के अलावा आम के 20 पेड़ लगे हैं, जो फल देने लगे हैं। इनमें मल्लिका,आम्रपाली और तोतापरी किस्म शामिल हैं।

Advertisement
Advertisement

क्षेत्र में कपास और मिर्च के लगातार घटते रकबे से चिंतित श्री काग ने कहा कि एक जमाने में मनावर क्षेत्र में कपास और मिर्च का बहुत अच्छा उत्पादन होता था। क्षेत्र के किसानों को इस पर नाज था। लेकिन गुलाबी इल्ली और वायरस के कारण कपास और मिर्च का रकबा घटता गया। कभी प्रदेश में मनावर की मिर्च मंडी को दूसरे नंबर की माना जाता था, जो अब लगभग बंद हो गई है। अभी एक बीघे में 2-4 क्विंटल कपास उत्पादन हो रहा है। किसान आर्थिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं, ऐसे में किसानों को अब ऐसी फसल लेनी चाहिए जो निरंतर आय दे। वे 86 वर्ष की आयु में भी खेती में कुछ नया करने की कोशिश करते रहते हैं।

बांस से बीस साल तक कमाई : बांस मिशन के एक आयोजन में शामिल होने के बाद श्री काग का मानना है कि अब फसल परिवर्तन जरुरी है। यदि 5-10 बीघा में बांस लगा लिया जाए, तो किसानों को निरंतर आय हो सकती है। इस फसल में लागत भी कम आती है और पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभप्रद है। कटंग बांस की ऊंचाई 70-80 फीट तक और वजन भी करीब 70-80 किलो होता है। कम्पनी 40 रु./ पौधा बेचती है। 4 साल बाद कटाई शुरू हो जाती है, जिसे 20 साल तक काट कर कमाई की जा सकती है। अनुबंध के बाद गन्ने की तर्ज पर बांस की तुलाई की जाती है। बांस ही एकमात्र ऐसी फसल है जिस पर 24 प्रतिशत बोनस भी दिया जाता है।

Advertisement8
Advertisement

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement