धान की खरीद जोरों पर पंजाब में 185, हरियाणा में 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी लक्ष्य
लक्ष्य हासिल करने केंद्र प्रतिबद्ध
04 नवंबर 2024, नई दिल्ली: धान की खरीद जोरों पर पंजाब में 185, हरियाणा में 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी लक्ष्य –
चावल मिल मालिकों के लिए एफसीआई शिकायत निवारण एप केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने नई दिल्ली में चावल मिल मालिकों के लिए भारतीय खाद्य निगम शिकायत निवारण प्रणाली संबंधी (एफसीआईजीआरएस) मोबाइल एप्लीकेशन की शुरूआत की। यह पारदर्शिता, जवाबदेही और हितधारकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए उपायों में से एक है। मोबाइल एप्लीकेशन चावल मिल मालिकों को एफसीआई के साथ अपनी शिकायतों को कुशल और पारदर्शी तरीके से संबोधित करने में सुविधा प्रदान करेगा। एफसीआईजीआरएस एप्लीकेशन सुशासन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के सरकार के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। यह मोबाइल एप्लीकेशन एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं के लिए गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
पंजाब और हरियाणा हमारे देश के खाद्यन्न भंडार हैं और हर साल की तरह केएमएस 2024-25 के दौरान इन दोनों राज्यों से क्रमश: 185 एलएमटी और 60 एलएमटी धान की खरीद होने का अनुमान है। केंद्रीय पूल की खरीद में इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। दोनों राज्यों में खरीद कार्य तेज़ी से चल रहा है। हालाँकि पंजाब में धान की खरीद 1 अक्टूबर 2024 को और हरियाणा में 27 सितंबर 2024 को शुरू हुई, लेकिन सितंबर में भारी बारिश और उसके चलते धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण कटाई और खरीद में देरी हुई। हालाँकि, देरी से शुरुआत होने के बावजूद दोनों राज्य धान खरीद के अनुमान को निर्धारित तिथियों यानी पंजाब के लिए 30 नवंबर 2024 तक और हरियाणा के लिए 15 नवंबर तक हासिल करने की ओर अग्रसर हैं।
खरीद प्रक्रिया
अब तक पंजाब में 10 लाख किसानों और हरियाणा में 4.06 लाख किसानों ने केएमएस 2024-25 में अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण कराया है। हरियाणा में 29 अक्टूबर 2024 तक 45 एलएमटी धान की खरीद की गई है, जो 29 अक्टूबर 2023 तक खरीदे गए 52 एलएमटी का 87 प्रतिशत है। पंजाब में 29 अक्टूबर 2024 तक 67 एलएमटी धान की खरीद की गई है, जो कि पिछले साल इसी तिथि पर 84 एलएमटी का 80 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की तुलना में 29 अक्टूबर 2024 तक हरियाणा और पंजाब में धान की खरीद, प्रतिशत में अखिल भारतीय खरीद की तुलना में समान है।
चावल मिल के मालिकों को सुविधाएं
हर साल की तरह, मिलिंग कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा चावल मिल मालिकों को शामिल किया गया है। कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की डिलीवरी के लिए आवेदन करने वाले 4400 मिल मालिकों में से, पंजाब सरकार द्वारा 29 अक्टूबर 2024 तक 3850 मिल मालिकों को काम आवंटित कर दिया गया है। इसके अलावा हरियाणा में 1452 मिल मालिकों ने सीएमआर की डिलीवरी के लिए आवेदन किया है और राज्य सरकार ने 1319 मिलर्स को काम आवंटित कर दिया है। पंजाब मंड से हर दिन औसतन करीब 4 एलएमटी धान उठाया जा रहा है, जो दर्शाता है कि बाकी 118 एलएमटी धान का लक्ष्य 30 नवंबर 2024 तक आसानी से हासिल कर लिया जाएगा। इसी तरह, हरियाणा के मामले में, प्रति दिन करीब 1.5 एलएमटी धान औसतन उठाया जाता है, लिहाजा 15 नवंबर 2024 तक शेष अनुमानित 15 एलएमटी का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया जाएगा।
एमएसपी व्यवस्था हुई मज़बूत
केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि एमएसपी व्यवस्था का लाभ सभी किसानों को सुचारू रूप से मिले। धान का एमएसपी 2013-14 में 1310 रुपये/क्विंटल से बढ़कर 2023-24 में 2300 रुपये/क्विंटल हो गया है। वर्ष 2018-19 से, एमएसपी अखिल भारतीय भार औसत उत्पादन लागत पर, कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न के साथ मिल रही है। 29 अक्टूबर 2024 तक, पंजाब में 350961 किसानों को 13211 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है और केएमएस 2024-25 के लिए हरियाणा में 275261 किसानों को 10529 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
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