धान छोड़ मक्का अपनाया, लागत घटी—कमाई दोगुनी हुई: जशपुर के किसान की मिसाल
28 जून 2025, रायपुर: धान छोड़ मक्का अपनाया, लागत घटी—कमाई दोगुनी हुई: जशपुर के किसान की मिसाल – छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के एक किसान ने पारंपरिक धान की खेती को छोड़ मक्का की ओर रुख किया और नतीजा चौंकाने वाला रहा—कम लागत में दुगुनी आमदनी। पत्थलगांव विकासखण्ड के काडरो गांव निवासी किसान मालती मोहन ने इस साल गर्मी में मक्का की खेती कर 88,200 रुपये की शुद्ध कमाई की, जो धान की तुलना में दो गुनी है।
धान से मुनाफा नहीं, मक्का से उम्मीद बनी
कृषि विभाग के मार्गदर्शन में इस बार उन्होंने दो एकड़ जमीन में मक्का की फसल लगाई। कुल लागत रही केवल 11,800 रुपये, जिसमें बीज, खाद और अन्य जरूरी खर्च शामिल थे। वहीं, फसल की बिक्री से उन्हें कुल 1 लाख रुपये की आमदनी हुई।
मालती मोहन बताते हैं, “गर्मी में धान की खेती में पानी ज्यादा लगता है और लागत भी अधिक होती है। मक्का में इन दोनों का बोझ कम है।”
मालती पहले गर्मियों में धान की खेती करते थे, लेकिन इस बार बदलते मौसम और बढ़ती लागत को देखते हुए उन्होंने विकल्प खोजा। मक्का न सिर्फ पानी कम मांगता है, बल्कि बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिल रही है।
इस बदलाव से न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ी है, बल्कि पानी की बचत के चलते पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह एक छोटा लेकिन अहम कदम माना जा सकता है।
हालांकि, ये बदलाव कोई अकेली घटना नहीं है। प्रदेश के कई हिस्सों में किसान अब धान की जगह वैकल्पिक फसलों की ओर बढ़ रहे हैं, जो कम लागत में बेहतर मुनाफा दे रही हैं। यह रुझान आने वाले समय में कृषि की दिशा बदलने वाला साबित हो सकता है।
मालती मोहन जैसे किसान अब दूसरों के लिए मिसाल बन रहे हैं—कि सोच बदलते ही किसानी भी बदल सकती है।
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