राजस्थान में 31 जुलाई तक खरीफ फसल बीमा का मौका, किसानों को मिलेगा नुकसान का पूरा मुआवजा
18 जुलाई 2025, भोपाल: राजस्थान में 31 जुलाई तक खरीफ फसल बीमा का मौका, किसानों को मिलेगा नुकसान का पूरा मुआवजा – राजस्थान के किसानों के लिए अच्छी खबर है। खरीफ 2025 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत जिले में 10 फसलों को अधिसूचित किया गया है। इसका मकसद किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा देना है।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, कपास, धान, तिल और मूंगफली को शामिल किया गया है। वहीं, किन्नू और मिर्च जैसी नकदी फसलें पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल की गई हैं।
अंतिम तिथि 31 जुलाई तक
डॉ. प्रमोद कुमार ने किसानों को जानकारी दी कि फसल बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। हर फसल के लिए बीमा प्रीमियम और बीमित राशि तय की गई है, ताकि किसानों को उनके फसल नुकसान का पूरा मुआवजा मिल सके।
इन फसलों को मिला बीमा कवर
फसल का नाम | प्रति बीघा प्रीमियम (₹) | प्रति बीघा बीमित राशि (₹) |
बाजरा | 90 | 4510 |
मूंग | 194.1 | 9705.5 |
मोठ | 85.29 | 4264.5 |
ग्वार | 106.1 | 5305 |
कपास | 491.31 | 9826.25 |
धान | 406.27 | 20313.75 |
तिल | 140.73 | 7036.5 |
मूंगफली | 567.62 | 28381.25 |
किन्नू | 885.2 | 17724 |
मिर्च | 759 | 15180 |
कौन कर सकता है आवेदन?
बीमा योजना का लाभ ऋणी और गैर-ऋणी दोनों प्रकार के किसान उठा सकते हैं। गैर-ऋणी किसानों को आधार कार्ड, नवीनतम जमाबंदी की प्रति और बैंक पासबुक की प्रति (जिसमें IFSC कोड और खाता संख्या साफ दिखे) अपलोड करनी होगी। बटाईदार किसानों को अतिरिक्त रूप से स्टाम्प पर शपथ पत्र और अन्य दस्तावेज देने होंगे।
कहां और कैसे करें आवेदन?
किसान अपना आवेदन नजदीकी बैंक, ग्रामीण बैंक, पैक्स, डाकघर या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से कर सकते हैं। साथ ही सलाह दी गई है कि किसान बीमा के समय अपना मोबाइल नंबर जरूर दर्ज कराएं ताकि समय-समय पर SMS के माध्यम से उन्हें बीमा से जुड़ी जानकारी मिलती रहे।
इन प्राकृतिक आपदाओं से मिलेगा मुआवजा
बीमा योजना के अंतर्गत सूखा, लम्बी अवधि का सूखा, बाढ़, जलभराव, कीट रोग, बिजली गिरना, आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात जैसी आपदाओं में नुकसान की भरपाई होगी। इसके अलावा कटाई के बाद 14 दिनों तक चक्रवाती बारिश या ओलावृष्टि से नुकसान होने पर भी बीमा क्लेम मिलेगा। नुकसान होने की सूचना किसानों को 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को देना जरूरी होगा।
कहां लें अधिक जानकारी?
बीमा से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए किसान एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकते हैं। किसान हेल्पलाइन नंबर 14447, व्हाट्सएप नंबर 7065514447 या ‘क्रॉप इंश्योरेंस मोबाइल ऐप’ के जरिए भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
प्रशासन की अपील
जिला कलेक्टर ने किसानों से अपील की है कि वे 31 जुलाई से पहले अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा अवश्य करवाएं ताकि किसी प्राकृतिक आपदा के समय उन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े और समय पर मुआवजा मिल सके।
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