कृषि के छात्रों को ग्रामीण अनुभव का मौका, कुलपति डॉ. अजीत ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
13 अगस्त 2024, उदयपुर: कृषि के छात्रों को ग्रामीण अनुभव का मौका, कुलपति डॉ. अजीत ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना – राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के बी.एस.सी. (कृषि) चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों को ग्रामीण कृषि कार्यानुभव (रावे) कार्यक्रम के तहत रवाना किया गया। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक और महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आर.बी. दुबे ने बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. कर्नाटक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रावे कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में रहकर ग्रामीण कृषक समुदाय से कृषि की नवीनतम प्रौद्योगिकी का अनुभव प्राप्त करेंगे। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि प्रत्येक छात्र किसान के खेत में कम से कम पाँच पौधे लगाएं और राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में किसानों को जागरूक करें।
अधिष्ठाता डॉ. आर.बी. दुबे ने छात्रों को अनुशासित रहते हुए कृषक परिवारों के साथ कृषि के व्यवहारिक प्रशिक्षण को गंभीरता से लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के लिए एक अनूठा अवसर है जिसमें वे समन्वित कृषि तकनीक, पारंपरिक एवं उन्नत खेती, और पशुपालन तकनीकों को करीब से देख और सीख सकते हैं।
इस मौके पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.ए. कौशिक ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि वे इस प्रशिक्षण को ईमानदारी से पूरा करते हैं, तो भविष्य में कृषि आधारित उद्योग स्थापित कर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर लगी प्रदर्शन इकाइयों का अवलोकन करने और कृषक समुदाय को दी जा रही सेवाओं का गहन निरीक्षण करने पर जोर दिया।
रावे कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. एस.एस. सिसोदिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. आर.एस. राठौड़ ने बताया कि इस सत्र में 102 छात्रों में से 34 छात्राएं और 68 छात्र हैं, जिन्हें बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, शाहपुरा, राजसमंद और वल्लभनगर के कृषि विज्ञान केंद्रों में भेजा जा रहा है। ये छात्र अगले 9 सप्ताह तक किसानों से संवाद कर कृषि की नवीनतम विधाओं का अनुभव प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर डॉ. राम हरी मीणा, डॉ. सुभाष मीणा, डॉ. कपील देव आमेटा, डॉ. शालिनी पिलानिया, डॉ. हरी सिंह, डॉ. राम नारायण कुम्हार, डॉ. चंद्र प्रकाश नामा और अन्य संकाय सदस्य एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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