ओडिशा सरकार का बड़ा कदम: सिल्क सेक्टर के विकास के लिए दो बड़ी योजनाओं को दी मंजूरी
08 दिसंबर 2025, भोपाल: ओडिशा सरकार का बड़ा कदम: सिल्क सेक्टर के विकास के लिए दो बड़ी योजनाओं को दी मंजूरी – ओडिशा सरकार ने राज्य में सिल्क प्रोडक्शन और ग्रामीण उद्योग के विकास के लिए दो नई योजनाओं को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। यह जानकारी शनिवार को विधानसभा में पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर मुकेश महालिंग ने दी।
CM सिल्क डेवलपमेंट स्कीम
इस योजना के तहत 274 करोड़ रुपये की राशि अगले पांच वर्षों में सेरीकल्चर इंडस्ट्री के इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल-बिल्डिंग पहलों के लिए खर्च की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सिल्कवर्म सीड का उत्पादन, प्रजातियों का संरक्षण और किसानों को प्रोत्साहन देना है। योजना के तहत ‘अहिंसा सिल्क’ यानी नॉन-वायलेंट सिल्क उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री महालिंग ने बताया कि कोऑपरेटिव सोसाइटी किसानों की मदद करेगी, उन्हें मजबूरी में रेशम बेचने से रोकेगी और उत्पादों की मार्केटिंग में सहयोग प्रदान करेगी।
CM वीविंग इंडस्ट्री डेवलपमेंट स्कीम
राज्य सरकार ने 490 करोड़ रुपये की इस योजना को भी मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य लोकल वीविंग इंडस्ट्री को मजबूत करना, निवेश को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है। योजना के तहत नई टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे ओडिशा वीविंग इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सके।
महालिंग ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने ओडिशा फिशरीज़ सर्विस कैडर को रीस्ट्रक्चर करने और ओडिशा फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस पॉलिसी 2025 पर प्रस्ताव को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया है।
अहिंसा सिल्क क्या है?
अहिंसा सिल्क उत्पादन का ऐसा तरीका है जिसमें रेशम के कीड़ों को मारकर नहीं, बल्कि उनके जीवन चक्र पूरा होने के बाद, खाली कोकून से रेशम निकाला जाता है। इससे कोई जीवित प्राणी हानि नहीं पहुँचती और यह पारंपरिक रेशम की तुलना में नैतिक और क्रूरता-मुक्त विकल्प है।
इन योजनाओं से ओडिशा में सिल्क और वीविंग सेक्टर को नई दिशा मिलने की उम्मीद है, जिससे न केवल स्थानीय उद्योग मजबूत होंगे बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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