राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में गेहूं के साथ अब धान पर भी मिलेगा बोनस, तेंदूपत्ता संग्राहकों और दुग्ध उत्पादकों को भी होगा लाभ

09 अगस्त 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में गेहूं के साथ अब धान पर भी मिलेगा बोनस, तेंदूपत्ता संग्राहकों और दुग्ध उत्पादकों को भी होगा लाभ – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट के इतवारी गंज जैविक कृषि मंडी में आयोजित ‘लाड़ली बहनों’ के लिए समर्पित आभार सह उपहार कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब गेहूं की तरह ही धान के लिए भी बोनस की राशि प्रदान की जाएगी। बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जीआई टैगिंग का दर्जा मिलने के बाद, इस बोनस से किसानों को सीधा लाभ होगा। इसके साथ ही, पशुपालकों और तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए भी सरकार ने आर्थिक लाभ का ऐलान किया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने वाली प्रति बोरा की राशि बढ़ाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए 7 हजार 300 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान बजट में किया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बहनों के लिए रक्षाबंधन की सौगात की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपये और रक्षाबंधन के शगुन के रूप में 250 रुपये की राशि सिंगल क्लिक से बहनों के खातों में अंतरित की जाएगी। उन्होंने बताया की बालाघाट जिले की बहनों को इस योजना के तहत 08 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जून 2023 से अगस्त 2024 तक हर माह 3 लाख 56 हजार बहनों को 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना के तहत अब गैस सिलेंडर 450 रुपये में देने का भी काम कर रही है।

Advertisement
Advertisement

श्रावण के इस पवित्र अवसर पर बालाघाट की बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। मुख्यमंत्री ने बहनों को अपने हाथों से उपहार प्रदान किए और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया। बालाघाट की लखपति दीदियों और जन-प्रतिनिधि बहनों ने भी राखी बांधी, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से मिठाई खिलाकर इस विशेष अवसर को और भी खास बना दिया।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement