राज्य कृषि समाचार (State News)

मानसून सामान्य रहने से कृषि और कृषकों के लिए शुभ होगा

मानसून सामान्य रहने से कृषि और कृषकों के लिए शुभ होगा, आईसीएआर ने कृषि सलाह जारी की

नई दिल्ली। देश में अब खरीफ सीजन की तैयारियां जोर पकड़ रही है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय इस संबंध में सभी व्यवस्थाएं कर रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने विश्वास व्यक्त किया है कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद खरीफ सीजन में भी अन्नदाताओं की कड़ी मेहनत रंग लाएगी और इस सीजन की फसलें भी बेहतर होगी। श्री तोमर गत माह सभी राज्यों के साथ खरीफ सम्मेलन भी कर चुके है, वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने खरीफ मौसम के लिए उत्तम पद्धतियों पर कृषि सलाह जारी की है।

Advertisement
Advertisement

श्री तोमर ने आशा जताई है कि गत वर्ष हुई प्रचुर वर्षा, जिससे बांध भरे हुए हैं और इस वर्ष मानसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान कृषकों और कृषि के लिए शुभ होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से कृषि सलाह को जारी करते हुए उन्होंने कहा कि कृषकों द्वारा उत्तम पद्धतियों को अपनाने से लागत में कमी होती है तथा शुद्ध आय बढ़ती है एवं इस तरह उच्च कृषि वृद्धि दर में योगदान रहता है।

आईसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र के अनुसार, कृषि सलाह में कृषकों द्वारा कृषि उत्पादकता और लाभ में बढ़ोत्तरी के लिए आगामी खरीफ में अपनाई जाने वाली उत्तम पद्धतियों में फसल, पशुपालन और मत्स्य उत्पादन प्रणालियों से संबन्धित विधियों को सम्मिलित किया गया है। आमतौर पर, देश में मानसून की 75 प्रतिशत वर्षा खरीफ मौसम के दौरान जून से सितम्बर के बीच होती है। खरीफ फसलोत्पादन का मुख्य मौसम है, जिसमें सम्पूर्ण देश में 106 मिलियन हेक्टेयर में फसल बुवाई होती है। खाद्यान्न का उत्पादन प्रायः 130 से 140 मिलियन टन के बीच (वर्षा के अनुसार) होता है।

Advertisement8
Advertisement

कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा पूरे देश में विविध कृषि दशाओं में उगाई जाने वाली सभी मुख्य खरीफ फसलों के लिए उत्तम पद्धतियों को अपनाने की अनुशंसा करते हुए संसाधनों, बीजों और पौषक तत्वों के दक्षतापूर्ण उपयोग और कीड़ों व बीमारियों के कारण होने वाले नुक़सानों को कम करने के लिए किफ़ायती उपाय अपनाने पर बल दिया गया है। उच्च उत्पादन और उत्पादकता के लिए अच्छी गुणवत्ता के उन्नत बीजों को इस्तेमाल किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Advertisement8
Advertisement

कृषि सलाह को कृषकों और कृषक समूहों तक स्थानीय भाषा में 29 राज्यों के 718 कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ राज्यों के कृषि प्रसार विभागों, मुद्रित, इलेक्ट्रानिक, सामाजिक और डिजिटल माध्यमों द्वारा प्रसारित किया जाएगा।

Advertisements
Advertisement5
Advertisement