राज्य कृषि समाचार (State News)किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

नीलेश पाटीदार ने उद्यानिकी फसलों से 37 लाख का मुनाफा कमाया

07 अक्टूबर 2024, झाबुआ: नीलेश पाटीदार ने उद्यानिकी फसलों से 37 लाख का मुनाफा कमाया –  एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत संरक्षित खेती योजनांतर्गत उच्च कोटि की सब्जियों की खेती ने ग्राम मांडन के कृषक श्री  नीलेश  पाटीदार की किस्मत बदलने का काम किया है। पारंपरिक खेती को  छोड़ उद्यानिकी फसलों को अपनाकर किसान और उनके परिवार के चेहरे पर खुशी की मुस्कान छा गई।

कृषक श्री नीलेश पाटीदार द्वारा  बताया गया कि उनके पास लगभग 18.750 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें पहले वह पारंपरिक खेती करते थे। फिर एक दिन उनके पास उद्यान विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी श्री सुरेश ईनवाती आए  उन्होंने  उन्हें  पारंपरिक खेती  छोड़  उद्यानिकी खेती करने की सलाह दी। उद्यानिकी अधिकारी की बातें सुनकर पहले  उन्होंने 1 एकड़ का एक नेटहाउस बनवाया, जिसमें  उन्हें  उस वर्ष अच्छा मुनाफा प्राप्त हुआ। जिसे देखते हुए उन्होने धीरे धीरे 3और नेटहाउस बनवाए। इस वर्ष कृषक ने अपने 3 एकड़ के नेटहाउस में खीरा,  ककड़ी  लगाई और कुल 1050 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया। कृषक ने बताया कि उसने अपनी उपज को जयपुर और दिल्ली में लगभग 2700  रु  प्रति क्विंटल की दर  से बेचा। इस प्रकार कृषक को लगभग 28 लाख 35 हजार रुपये प्राप्त हुए व कुल खर्च लगभग 7 लाख का आया, इस प्रकार शेडनेट हाउस से कृषक ने लगभग 21 लाख 35 हजार का शुद्ध मुनाफा कमाया।

इसके अलावा कृषक श्री पाटीदार ने अपने खेत पर लगभग 4  एकड़  में लगभग 4000 पौधे अमरुद के  लगाए  जिसमें उन्हें  लगभग 700  क्विंटल  अमरुद की उपज प्राप्त हुई, जिसे कृषक ने बक्से में पैकिंग कर दिल्ली में 4000 रुपये प्रति  क्विंटल   के भाव से बेचकर लगभग 28 लाख रुपये कमाये। कृषक ने  बताया  कि बक्से में पैकिंग करने से उसे अन्य कृषक से 10 रुपयें प्रति किलो के मान से अधिक  मूल्य  प्राप्त हुआ पर इस वर्ष पौधे को सहारा देने के लिए लोहे के एंगल व तार का स्ट्रक्चर  बनाने में अधिक खर्चा आया, जिसमें लगभग 12 लाख का खर्चा हुआ और कृषक ने  अमरुद की फसल से 16 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त किया।इस  प्रकार कृषक द्वारा  दोनों उद्यानिकी फसलों से लगभग 37 लाख का मुनाफा कमाया। इन पैसों से कृषक ने एक जेसीबी  गाड़ी खरीदी व अब खेती के साथ साथ जेसीबी  गाड़ी से एक अन्य व्यवसाय भी शुरु कर दिया। यह सब सिर्फ उद्यानिकी फसल से ही संभव हो पाया है।

 उल्लेखनीय है कि झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार झाबुआ जिले में उन्नत तकनीक से खेती को  बढ़ावा  देने के लिए शेडनेट हाउस का एक  क्लस्टर  तैयार करने के लिए उद्यान विभाग को निर्देशित कर समय समय समीक्षा की जा रही, जिसके फलस्वरुप मात्र एक वर्ष में ही 80,000 वर्ग मीटर के शेडनेट तैयार होकर उच्च कोटि की खेती की जा रही है और 33,500 वर्ग मीटर के शेडनेट हाउस अभी निर्माणाधीन है।

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