प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की ज़रूरत
26 दिसम्बर 2022, हरदा: प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की ज़रूरत – किसान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, हरदा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख के मार्गदर्शन में प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों पर किसानों को जागरूक करने के लिए कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में कुल 265 किसानों ने भाग लिया।
संगोष्ठी में कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.के. तिवारी ने प्राकृतिक खेती में अपने स्वयं के खेतों पर उपस्थित प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग एवं आच्छादन करके कम लागत में उचित उत्पादन करके मृदा और मानव स्वास्थ्य को बनाये रखने पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होने कृषकों को बताया कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है ,ताकि हम रसायनों पर निर्भरता कम कर पायें एवं सम्पूर्ण कृषि पारिस्थिकी तंत्र को रसायन मुक्त किया जा सकें।
केन्द्र के वैज्ञानिक श्री आर.सी. जाटव द्वारा जीवामृत एवं घनजीवामृत को बनाने एवं प्रयोग विधि की विस्तृत चर्चा गई। उन्होने बताया कि प्राकृतिक खेती में उपयोग जीवामृत एवं घन जीवामृत की मृदा और मानव स्वास्थ्य को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका है। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश भारती द्वारा प्राकृतिक खेती में खेतों पर उपस्थित प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके कीट एवं रोग प्रबंधन के बारे में बताया। उन्होने कृषकांे को बीजामृत, आग्नेयस्त्र, ब्रम्हास्त्र एवं दसपर्णीय अर्क की विस्तृत से जानकारी दी।
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