नर्मदापुरम: मध्यप्रदेश का पहला जिला जहां चार प्रकार के रेशम का उत्पादन
18 अप्रैल 2025, भोपाल: नर्मदापुरम: मध्यप्रदेश का पहला जिला जहां चार प्रकार के रेशम का उत्पादन – मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले ने रेशम उत्पादन के क्षेत्र में एक अनूठी पहचान बनाई है। यह प्रदेश का पहला जिला है जहां चार प्रकार के रेशम—टसर, मलबरी, इरी और मूँगा (गोल्डन सिल्क)—का उत्पादन होता है। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने यह जानकारी दी।
रेशम उत्पादन का केंद्र: नर्मदापुरम
नर्मदापुरम में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की जा रही हैं। जिले के मालाखेड़ी में मध्यप्रदेश की पहली ककून मंडी स्थापित की गई है, जहां रेशम के ककून का व्यापार होता है। इसके अलावा, मढ़ई रेशम उत्पादन केंद्र को सिल्क टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना है।
मंत्री जायसवाल ने बताया, “नर्मदापुरम में रेशम केंद्र है, जहां रेशम के धागे और कपड़ों का उत्पादन होता है। अब परंपरागत डिजाइनों के साथ-साथ नए डिजाइनों को भी शामिल किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जिले में रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
नर्मदापुरम में रेशम उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों में महिलाएं सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। रेशम उत्पादन से जुड़कर महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी कदम बढ़ा रही हैं। जिले में रेशम के धागों का उपयोग दवाइयां बनाने में भी किया जा रहा है, जो इस उद्योग की विविध संभावनाओं को दर्शाता है।
किसानों के लिए प्रशिक्षण और प्रोत्साहन
रेशम उत्पादन के लिए नर्मदापुरम की जलवायु और प्राकृतिक परिस्थितियां अनुकूल हैं। किसानों को रेशम कीट पालन और उत्पादन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मंत्री जायसवाल ने कहा, “किसानों को रेशम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो। सरकार इस दिशा में हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है।”
रेशम उद्योग की चुनौतियां
हालांकि, रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर कुछ चुनौतियां भी हैं। ककून मंडी और रेशम केंद्रों तक पहुंच, तकनीकी संसाधनों की कमी और बाजार तक उत्पादों की पहुंच जैसे मुद्दों पर अभी और काम करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेशम उद्योग को और अधिक संगठित करने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने से इस क्षेत्र में और प्रगति हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
नर्मदापुरम में रेशम उत्पादन के विस्तार के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। सिल्क टूरिज्म जैसी पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है, बल्कि पर्यटकों को भी इस अनूठे उद्योग के बारे में जानने का मौका देगी। इसके अलावा, रेशम से बने उत्पादों की मांग देशभर में बढ़ रही है, जिससे जिले के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
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