DAP की कमी में राहत बना नैनो डीएपी, छत्तीसगढ़ किसानों को मिल रहा प्रति एकड़ ₹75 का फायदा
24 जुलाई 2025, भोपाल: DAP की कमी में राहत बना नैनो डीएपी, छत्तीसगढ़ किसानों को मिल रहा प्रति एकड़ ₹75 का फायदा – छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के दौरान डीएपी खाद की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने नैनो डीएपी को बेहतर विकल्प के तौर पर अपनाया है। किसानों को इसका सीधा फायदा भी मिल रहा है। नैनो डीएपी के इस्तेमाल से एक एकड़ धान की फसल में किसानों को लगभग ₹75 की बचत हो रही है।
राज्य में पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था
राज्य सरकार के निर्देश पर इफको कंपनी ने छत्तीसगढ़ में 3 लाख 5 हजार से ज्यादा नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण किया है। इनमें से 82,470 बोतलें डबल लॉक केंद्रों में रखी गई हैं और 1 लाख 41 हजार 389 बोतलें प्राथमिक सहकारी समितियों में उपलब्ध हैं। जबकि 48,000 बोतलें निजी क्षेत्र में वितरित की गई हैं।
फिलहाल कंपनी के पास 33,000 से अधिक बोतलें और उपलब्ध हैं। एक आधा लीटर की बोतल किसानों को 600 रुपए में दी जा रही है।
कम मात्रा में ज्यादा असर
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान की एक एकड़ फसल में जहां पहले 50 किलो ठोस डीएपी की जरूरत होती थी, अब उसमें केवल 25 किलो ठोस डीएपी के साथ आधा लीटर नैनो डीएपी इस्तेमाल करना काफी है।
इससे पोषण की मात्रा तो वही बनी रहती है, लेकिन लागत में सीधी बचत होती है। 50 किलो डीएपी की एक बोरी की कीमत 1,350 रुपए है, जबकि नैनो डीएपी के उपयोग से यह खर्च घटकर 1,275 रुपए हो जाता है। यानी प्रति एकड़ करीब ₹75 की सीधी बचत।
किसानों को किया जा रहा जागरूक
कृषि विभाग ने किसानों को नैनो डीएपी के उपयोग के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से गांव-गांव अभियान चलाया है। कृषि चौपालों और “विकसित कृषि संकल्प” जैसे कार्यक्रमों के जरिए किसानों को इसका डेमो भी दिया गया।
मैदानी अमले और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि किस तरह पारंपरिक डीएपी की जगह नैनो डीएपी को अपनाकर उत्पादन में कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि लागत कम होती है।
किसानों का भरोसा बढ़ा
सरकारी प्रयासों और जागरूकता के चलते अब किसान नैनो डीएपी को आत्मविश्वास के साथ अपना रहे हैं। कम लागत और उतना ही पोषण मिलने से किसानों को राहत मिली है। खेतों में भी नैनो डीएपी का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: