कृषि विज्ञान केंद्र मुरैना द्वारा सरसों प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन
16 जनवरी 2025, मुरैना: कृषि विज्ञान केंद्र मुरैना द्वारा सरसों प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन – गत दिनों कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरैना अंतर्गत ग्राम मैथाना में सरसों फसल में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के तहत शस्य विज्ञान अंतर्गत अग्रिम पंक्ति का प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कृषक प्रक्षेत्र पर सरसों की उन्नत प्रजाति 1165.40 (रुक्मणि) का उपयोग प्रदर्शन कार्यक्रम हेतु किया गया है। रुक्मणि प्रजाति वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में उच्चतम उत्पादन देने में सक्षम प्रजाति है।इस प्रजाति द्वारा 15-18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है। कार्यक्रम में करीब 60 कृषकों ने भाग लिया।
डॉ. बी.एस. कसाना द्वारा कृषकों की सरसों फसल से संबंधित समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की तथा वर्तमान में तापमान में लगातार गिरावट को देखते हुए प्रक्षेत्रों के नज़दीक धुआं करने की सलाह दी गई, ताकि फसलों पर पाला पड़ने की स्थिति में फसलों को पाले से बचाया जा सके। वर्तमान में फसल पुष्पन एवं फली बनने की अवस्था में है। आवश्यकतानुसार दाना भरते समय सिंचाई करने की सलाह दी गई ,जिससे फसल को पानी की कमी का सामना न करना पड़े और अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सके। साथ ही कृषकों द्वारा अन्य प्रमुख फसल गेहूं में खरपतवार की समस्य बताने पर डॉ कसाना द्वारा मेटसल्फ्युरान सल्फोसल्फ्युरान 36 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 20- 25 दिन की फसल अवस्था पर उपयोग करने की सलाह दी। इसके प्रयोग से सभी खरपतवार प्रमुखतः गेहूं का मामा, इन्द्र जौ, जंगली जवा, बथुआ एवं हजारदाना इत्यादि नष्ट हो जाते हैं एवं फसल से अधिकतम उपज प्राप्त होती है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ रीना शर्मा द्वारा कृषकों को वर्तमान परिस्थिति में लगातार फसल निरीक्षण कर कीट व्याधि नियंत्रण की सलाह दी गई। विशेषकर सरसों की फसल में माहु के नियंत्रण के लिए शुरुआत में ही उचित दवा छिड़काव करने की सलाह दी गई।
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