राज्य कृषि समाचार (State News)

जायद मूंग की खेती में ज्यादा कीटनाशक खतरनाक, किसानों को सावधान रहने की जरूरत

11 मार्च 2025, भोपाल: जायद मूंग की खेती में ज्यादा कीटनाशक खतरनाक, किसानों को सावधान रहने की जरूरत –  मध्यप्रदेश में जायद मूंग की खेती तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ ही कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता भी बढ़ रही है। राज्य के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने किसानों से अपील की है कि वे कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों का उपयोग कम करें, क्योंकि इससे स्वास्थ्य और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है।

14 लाख हेक्टेयर में जायद मूंग की खेतीलेकिन रसायनों का बढ़ता खतरा

प्रदेश में इस साल लगभग 14.39 लाख हेक्टेयर में जायद मूंग की फसल ली जा रही है, जिससे करीब 20.29 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है। मुख्य रूप से नर्मदापुरम, जबलपुर और भोपाल संभाग में इसकी खेती हो रही है। हालांकि, मंत्री कंषाना का कहना है कि फसल को जल्दी तैयार करने के लिए रसायनों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, जो भविष्य में किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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तेजी से पकाने के लिए खरपतवारनाशकों का बढ़ता उपयोग

हाल के वर्षों में देखा गया है कि कई किसान मूंग की फसल को जल्दी पकाने के लिए खरपतवारनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पेराक्वाट डायक्लोराइड नामक खरपतवारनाशक का उपयोग बढ़ रहा है, जिसके अवशेष फसल में रह जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह केमिकल स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है और मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन से निर्यात पर भी असर पड़ सकता है। यदि मूंग फसल में तय सीमा से ज्यादा कीटनाशक और खरपतवारनाशक के अवशेष पाए गए, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका असर दिख सकता है। कई देशों में भारतीय दालों की गुणवत्ता को लेकर पहले भी आपत्ति दर्ज की गई है, इसलिए किसानों को सतर्क रहना जरूरी है।

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विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसान जैविक खेती और एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) जैसी टिकाऊ पद्धतियों को अपनाएं। इससे लागत भी कम होगी और मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहेगी। जैविक तरीके से उगाई गई मूंग को बाजार में बेहतर दाम मिल सकते हैं, जिससे किसानों को ही फायदा होगा।

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किसानों को सतर्क रहने की जरूरत

कृषि मंत्री कंषाना ने किसानों से अपील की है कि वे कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों का इस्तेमाल कम करें और जैविक तरीकों को अपनाने की कोशिश करें। इससे स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहेगी।

जायद मूंग की खेती फायदे का सौदा हो सकती है, लेकिन अगर रसायनों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हुआ, तो भविष्य में इसका खामियाजा किसानों और उपभोक्ताओं—दोनों को भुगतना पड़ सकता है।

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