कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास करना होंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान
इंदौर में जी-20, कृषि कार्य समूह की पहली बैठक संपन्न
- इंदौर (कृषक जगत)
20 फरवरी 2023, कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास करना होंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान – अंतर्राष्ट्रीय फलक पर मध्यप्रदेश और इंदौर धूमकेतु की तरह चमक रहा है। हाल ही में इंदौर में जी-20, कृषि कार्य समूह की पहली बैठक 13 से 15 फरवरी को संपन्न हुई। बैठक का शुभारम्भ सोमवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। इस दौरान कृषि पर गहन विचार-विमर्श हुआ। अंतिम दिन चार तकनीकी विषयों ‘खाद्य सुरक्षा और पोषण’ ‘जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ सतत कृषि ’, ‘समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली’, और ‘कृषि परिवर्तन के लिए डिजिटलीकरण’ पर विचार-विमर्श हुआ।
बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा जरूरी
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ती जनसंख्या के कारण खाद्य सुरक्षा पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि विश्व का मात्र 12 प्रतिशत भू-भाग कृषि के योग्य है। वर्ष 2030 तक खाद्यान्न की मांग 345 बिलियन टन हो जाएगी, जबकि वर्ष 2000 में यह मांग 192 बिलियन टन थी। जाहिर है कि न तो कृषि भूमि में वृद्धि होने वाली है और न ही हमारे प्राकृतिक संसाधन बढऩे वाले हैं। ऐसे में कृषि योग्य भूमि का समुचित उपयोग और कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयास करने होंगे। आपने कहा उत्पादन बढ़ाने के लिए मैकेनाइजेशन, डिजिटलाइजेशन, नई तकनीक और नए बीज के उपयोग को निरंतर प्रोत्साहित करना होगा। उत्पादन बढ़ाने के साथ उत्पादन की लागत कम करना भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में हर चीज का विकल्प हो सकता है, लेकिन अनाज, फल, सब्जी का कोई विकल्प नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस वर्ष को मिलेट ईयर के रूप में घोषित किया है। प्रयास करें कि यह पोषक अनाज धरती से लुप्त न हो। प्राकृतिक खेती को अपनाना जरूरी है।
कृषि क्षेत्र के विकास में तीन एस ज़रूरी
दूसरे दिन 14 फरवरी की बैठक में कृषि पर विमर्श के सत्र में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नेे अपने उद्घाटन भाषण में कृषि क्षेत्र में विकास के लिए 3स् टेम्पलेट – स्मार्ट, सर्व आल एंड सस्टेनेबल के बारे में बात की। उन्होंने भारत की कृषि विकास गाथा में ड्रोन के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इश्यू नोट प्रस्तुति के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा ने मुख्य भाषण दिया। खाद्य सुरक्षा और पोषण, जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ टिकाऊ कृषि, समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली और कृषि परिवर्तन के लिए डिजिटलीकरण के चार प्रमुख विषयों को शामिल करते हुए एडब्ल्यूजी के लिए इश्यू नोट पर प्रस्तुतियां दी गईं। सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इश्यू नोट पर अपना हस्तक्षेप किया। जी- 20 सदस्य देशों और अतिथि देशों ने भी जी- 20 कृषि एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय बैठकें कीं।
विभिन्न विषयों के चर्चा संदर्भ
कृषि कार्य समूह की बैठक के समापन सत्र में खाद्य सुरक्षा और पोषण के तकनीकी सत्र पर चर्चा के लिए श्रीमती शुभा ठाकुर, संयुक्त सचिव कृषि मंत्रालय द्वारा बीज वक्तव्य दिया गया। तत्पश्चात वल्र्ड फूड प्रोग्राम द्वारा सन्दर्भ निर्धारण किया गया। डॉ. अभिलक्ष लिखी, अतिरिक्त सचिव कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा और पोषण पर वैश्विक परिदृश्य प्रस्तुत किया।
श्रीमती शुभा ठाकुर, संयुक्त सचिव, डीए एंड एफडब्ल्यू द्वारा मिलेट इंटरनेशनल इनिशिएटिव फॉर रिसर्च एंड अवेयरनेस (एमआईआईआरए) की जानकारी दी गई। श्री फ्रैंकलिन एल खोबुंग, संयुक्त सचिव ने जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ सतत कृषि पर तकनीकी सत्र के लिए बीज वक्तव्य दिया एवं खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा संदर्भ प्रस्तुति की गई। डॉ. अभिलक्ष लिखी, अतिरिक्त सचिव और कृषि के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोष विकास (आईएफएडी) ने समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली पर तकनीकी सत्र पर चर्चा के लिए संदर्भ निर्धारित किया। कृषि रूपांतरण के लिए डिजिटलीकरण पर तकनीकी सत्र के लिए डॉ. पी.के. मेहरदा, अतिरिक्त सचिव द्वारा बीज वक्तव्य दिया।
खुला सत्र
प्रत्येक विषय-आधारित तकनीकी सत्र के दौरान, विचारों, सुझावों और टिप्पणियों के बौद्धिक रूप से समृद्ध आदान-प्रदान को शामिल करते हुए एक ओपन हाउस चर्चा हुई। व्यावहारिक प्रस्तुतियों ने छोटे किसानों पर विशेष जोर देने के साथ कृषि परिवर्तन और कृषि में डिजिटलीकरण के महत्व का मार्ग प्रशस्त किया। सत्र की सह-अध्यक्ष डॉ. स्मिता सिरोही, संयुक्त सचिव कृषि मंत्रालय ने सत्रों के दौरान प्रस्तुत किए गए ठोस बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए प्रत्येक सत्र का सारांश प्रस्तुत किया।
समापन सत्र
श्री मनोज आहूजा, सचिव कृषि मंत्रालय ने कृषि अनुसंधान और विकास पहलुओं पर जी-20 सदस्य देशों के बीच अधिक अभिसरण और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। अध्यक्ष द्वारा आगामी एडब्ल्यूजी बैठकों में जी-20 कृषि मुद्दों पर चर्चा को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया गया। अपनी समापन टिप्पणी में श्री आहूजा ने जी-20 सदस्यों के मध्य कृषि अनुसंधान एवं विकास के विभिन्न पहलुओं पर अधिक सहयोग एवं समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
इंदौर की इस महत्वपूर्ण बैठक में जी-20 सदस्य राष्ट्रों के 89 प्रतिनिधि, 6 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया। एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की आगामी तीन बैठकें क्रमश: चंडीगढ़, वाराणसी एवं हैदराबाद में होंगी। हैदराबाद की बैठक मंत्री स्तरीय होगी।
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