खरपतवारों के सही उपयोग से गोबर गैस, केंचुआ खाद बनाएं
20 अक्टूबर 2021, जबलपुर । खरपतवारों के सही उपयोग से गोबर गैस, केंचुआ खाद बनाएं – खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय, जबलपुर द्वारा ग्राम पौंडी, अचलोनी पाटन में विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें किसानों को कृषि, पशुपालन एवं अन्य उत्पन्न अवशिष्ट पदार्थों के अलावा खरपतवारों के सही उपयोग से गोबर गैस, केंचुआ खाद बनाने आदि की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के महिला/पुरुष किसानों ने भाग लिया।
इस मौके पर निदेशक श्री जेएस मिश्र ने खेतों की पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग से खेतों की उपजाऊ क्षमता नष्ट होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कृत्रिम उर्वरकों की जगह जैविक खादों के उपयोग पर ज़ोर दिया, क्योंकि इससे भूमि की उर्वरा क्षमता बढ़ती है। श्री मिश्र ने खरपतवारों और फसल अवशेषों के समुचित उपयोग पर किए जा रहे शोध पर प्रकाश डालते हुए तकनीकी जानकारी के साथ संरक्षित खेती को अपनाने और अवशेषों से खाद बनाने और इसे अपनाने की अपील की।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. केके बर्मन ने निदेशालय द्वारा चलाए जा रहे लाभकारी कार्यक्रमों, घरेलू कचरे को वर्मी खाद में परिवर्तित कर जैविक खाद बनाने की जानकारी दी। अंत में भारत सरकार की अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को स्प्रेयर,स्टोरेज टैंक और व्हील हो उपकरण वितरित किए। इस आयोजन में डॉ. पीके सिंह,डॉ. आरपी दुबे,डॉ. सुशील कुमार,डॉ. पीके मुखर्जी ,डॉ. वीके चौधरी, श्री जमालुद्दीन और श्री एसके पारे का सहयोग रहा।
जैविक खाद बनाने के तरीके व लाभ