राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश की ड्रोन नीति: किसानों से लेकर खनन तक, हर क्षेत्र में होगा परिवर्तन

24 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश की ड्रोन नीति: किसानों से लेकर खनन तक, हर क्षेत्र में होगा परिवर्तन – मध्यप्रदेश राज्य सरकार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। राज्य ने ड्रोन टेक्नोलॉजी को व्यापक रूप से अपनाने और इसके विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के उद्देश्य से सोमवार को “शासन में ड्रोन का उपयोग एवं मध्यप्रदेश में ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र का विकास” पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की।

इस कार्यशाला का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हुआ, जिसमें ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग और इसके विभिन्न क्षेत्रीय अनुप्रयोगों पर गहन चर्चा की गई। इस अवसर पर सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया श्री हितेश कुमार मकवाना, अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे और एमपीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री आशीष वशिष्ठ ने कार्यशाला का शुभारंभ किया।

मध्यप्रदेश: ड्रोन टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनने की दिशा में

भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। प्रारंभिक समय में इसका उपयोग सीमित था, लेकिन अब यह एक बहुउपयोगी और सक्षम उपकरण के रूप में उभरा है। ड्रोन नीति के तहत केंद्र सरकार ने इसे एक बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए विकसित किया है, और मध्यप्रदेश ने भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं।

सर्वेयर जनरल श्री मकवाना ने कहा कि भारत में पिछले छह वर्षों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विकास में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, और अब यह किसानों, सरकारी विभागों, आपातकालीन सेवाओं, खनन और निर्माण गतिविधियों जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश राज्य ने खास तौर पर भूमि रिकॉर्ड और स्वामित्व योजनाओं में ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, जो एक अहम उपलब्धि है।

ड्रोन नीति और राज्य सरकार की दृष्टि

अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार की ड्रोन नीति ने इस क्षेत्र के विकास में एक नए मुकाम को तय किया है। राज्य सरकार इस नीति को ध्यान में रखते हुए ड्रोन के उपयोग में वृद्धि करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने इसे एक ‘गेम चेंजिंग’ टेक्नोलॉजी बताया, जो न केवल नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकती है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में बड़े बदलाव का कारण बनेगी।

मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में ड्रोन के उपयोग के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम तैयार किया जाए, ताकि इसके फायदे कृषि, स्वास्थ्य, आपातकालीन सेवाओं, निगरानी, और निर्माण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच सकें। साथ ही, मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य यह भी है कि राज्य में ड्रोन निर्माण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाए, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक-इन-इंडिया के विजन को साकार करने में मदद करेगा।

ड्रोन का कृषिखनन और आपातकालीन सेवाओं में उपयोग

एमपीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री आशीष वशिष्ठ ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जहां इसे फसल की निगरानी, कीटनाशक छिड़काव, और भूमि का विश्लेषण करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। खनन क्षेत्र में भी ड्रोन से खनन गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। आपातकालीन परिस्थितियों में, जैसे बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, ड्रोन का उपयोग चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाने में भी किया जा रहा है। इसके अलावा, ड्रोन का उपयोग आबकारी, कानून व्यवस्था और निर्माण गतिविधियों में भी किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य मध्यप्रदेश को देश का ड्रोन हब बनाना है, जहां ड्रोन का हर क्षेत्र में प्रभावी उपयोग हो सके।”

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन की भूमिका

ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री स्मित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार विस्तार के लिए एक प्रभावशाली उपकरण बन रही है। खासतौर पर, नमो ड्रोन दीदी  जैसी पहलों ने ड्रोन के उपयोग को और भी सुलभ और व्यापक बना दिया है। उन्होंने इसे भविष्य की आवश्यकताओं में से एक करार दिया, न कि केवल एक विकल्प।

नाबार्ड के जीएम श्री कमर जावेद ने मध्यप्रदेश में ड्रोन के सफल प्रयोगों की सराहना करते हुए कहा कि सहकारी संस्थाओं, खासकर पैक्स सोसायटी में ड्रोन के उपयोग को बढ़ाया जा सकता है।

कार्यशाला में सत्रों का आयोजन

कार्यशाला में विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनमें ड्रोन नीति, इंडस्ट्री इनिशिएटिव, केस स्टडीज, और ड्रोन स्टार्ट-अप एवं स्किल डेवलपमेंट जैसे विषयों पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें ड्रोन के नवीनतम उपयोगों को प्रदर्शित किया गया।

इस अवसर पर एक नई ड्रोन सूचना पोर्टल का भी उद्घाटन किया गया। यह पोर्टल ड्रोन टेक्नोलॉजी, नीति, और प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी को एकीकृत करने के लिए बनाया गया है, ताकि आम जनता और उद्योग को इसकी जानकारी आसानी से मिल सके।

मध्यप्रदेश राज्य में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर जो उत्साह और प्रयास दिखाई दे रहे हैं, वह इस तकनीक को आने वाले वर्षों में कृषि, स्वास्थ्य, और अन्य क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में अग्रसर करेगा। हालांकि, इसके उपयोग में आने वाली चुनौतियों को समय रहते समझने और दूर करने की आवश्यकता होगी। राज्य सरकार की यह पहल आगामी वर्षों में मध्यप्रदेश को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक प्रमुख राज्य बना सकती है, बशर्ते इसका व्यावसायिक उपयोग और इको-सिस्टम पूरी तरह से स्थापित हो।

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