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मध्यप्रदेश में दीर्घावधि औसत से 18 % अधिक वर्षा

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23 जुलाई 2022, इंदौर: मध्यप्रदेश में दीर्घावधि औसत से 18 % अधिक वर्षा – इस मानसून सत्र में मध्यप्रदेश पर मेघ मेहरबान हैं और निरंतर वर्षा का दौर जारी है। वर्षा विश्लेषण में यदि 1 जून से 22 जुलाई तक की वर्षा के आंकड़ों पर नज़र डालें तो दीर्घावधि औसत से मध्य प्रदेश में 18 % अधिक वर्षा हो चुकी है। हालाँकि पूर्वी मध्यप्रदेश में अभी भी औसत से 8% कम वर्षा हुई है, जबकि पश्चिमी मध्यप्रदेश में बदरा ज़्यादा बरसे और यहां अब तक औसत से 43 % अधिक वर्षा हो चुकी है।

यदि इस साल की अब तक की मानसूनी वर्षा का जिलेवार विश्लेषण करें तो 12 जिले ऐसे हैं जहाँ 60 % या इससे अधिक वर्षा हुई है। इनमें विदिशा (60), शाजापुर (61),भोपाल (85),सीहोर (63), देवास (80),हरदा (96),खंडवा (112),बुरहानपुर (104),नर्मदापुरम (61), बैतूल (87) और छिंदवाड़ा (79 ) शामिल हैं। वहीं सामान्य से अधिक (अर्थात +20 %से +59 % ) वाली श्रेणी में 12 जिले आ रहे हैं। यह हैं श्योपुर (39),गुना (53),राजगढ़ (54),आगर मालवा (58),,रतलाम (24),उज्जैन (33),इंदौर (30), बड़वानी (38), नीमच (38 ), रायसेन (25 ) और खरगोन (38)।

जहाँ तक सामान्य वर्षा (अर्थात +19 % से -19 %) की बात है तो इस श्रेणी में 15 जिले ग्वालियर (13 ),सागर (10),अशोक नगर (8),शिवपुरी (1 ),मुरैना (-2 ), दमोह (-19 ), नरसिंहपुर (-1 ), जबलपुर (4), मंडला (-12 ), बालाघाट (7 ), शहडोल (-14 ) मंदसौर (12 ), धार (9 )शहडोल (-14 )और अनूपपुर (-4 ) शामिल हैं। जबकि अति न्यून वर्षा (-60 से -99 % ) वाली श्रेणी में एकमात्र सीधी (-61) जिला आ रहा है।

न्यून वर्षा (-20 %से -59 %) वाली श्रेणी में प्रदेश के 14 जिले आ रहे हैं। यह हैं भिंड (-29),दतिया (-34 ),निवाड़ी (-11), टीकमगढ़ (-36), छतरपुर (-26),पन्ना (-37),सतना (-48),रीवा (-51),कटनी (-37),उमरिया (-34)। सिंगरौली (-44 ), झाबुआ (-32 ), अलीराजपुर (-31 )और डिंडोरी (-30)। इन जिलों में अभी और वर्षा की दरकार है। अभी मानसून सक्रिय है, इसलिए आशा है कि मानसून सत्र के अंत तक इन जिलों में भी औसत से अधिक पर्याप्त वर्षा हो जाएगी।

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