जलाशयों की जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापना करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य
मंत्रि-परिषद की बैठक
24 जुलाई 2021, भोपाल । जलाशयों की जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापना करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। बैठक में राज्य के जलाशयों की जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापना के लिए नीतिगत निर्णय लेते हुए निविदा प्रक्रिया, आधार मूल्य, निविदा अर्हता के मापदण्डों एवं अन्य शर्तों को अनुमोदित किया गया। नीति में संशोधन के बाद मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा जिसमें प्रथम चरण में चार जलाशय से गाद निकालने का टेंडर होगा। इससे 5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का पुनर्स्थापन हो सकेगा। भूमि की उत्पादकता बढ़ेगी। बाँधों का जीवन काल बढ़ेगा। रेत का उपयोग हो सकेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और लगभग 300 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी।
मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 में उल्लेखित ऐसी भूमियों, जिन पर योजना बनाकर निर्माण करने से नियमित आय होती है- जैसे मार्केट, कॉम्प्लेक्स, बस स्टेंड आदि में से केवल “बस स्टेंड” शब्द को विलोपित कर उसे “सार्वजनिक प्रयोजन के लिए- जैसे सड़क, उद्यान, खेल का मैदान, फिल्टर प्लांट, कचरा खन्ती (ट्रेंचिंग ग्राउंड), अस्पताल, स्कूल, कार्यालय” के बाद प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया। ये निर्देश राजपत्र में प्रकाशन के दिनांक से प्रवृत्त होंगे, परन्तु राज्य सरकार की किसी योजना अंतर्गत सक्षम स्तर से, ऐसी योजना में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार, भूमि के निर्वर्तन के मामले में ये निर्देश लागू नहीं होंगे।
छतरपुर में सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति
मंत्रि-परिषद ने ताप विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित/आवंटित भूमि पर एनटीपीसी अथवा उसकी पूर्ण स्वामित्व की कंपनी द्वारा 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना अल्ट्रा मेगा रिन्यूअल इनर्जी पावर प्रोजेक्ट मोड एवं सीपीएसयू योजना के तहत करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दी। प्रस्तावित परियोजना से उत्पादित सौर ऊर्जा को 25 वर्ष के लिए 2.45 रूपये प्रति यूनिट की दर पर क्रय करने का प्रथम अधिकार एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी का रहेगा।केन्द्र सरकार के उपक्रम एनटीपीसी लिमिटेड दवारा बरेठी जिला छतरपुर में 3960 मेगावाट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना प्रस्तावित की गई थी। इस परियोजना के लिए एनटीपीसी के पास 1148.192 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। ताप विद्युत परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति एवं कोल लिंकेज प्राप्त नहीं होने के कारण एनटीपीसी द्वारा उपलब्ध भूमि पर 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए राज्य सरकार से भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति चाही गई है।